कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में सोमवार को बड़ी सेंध का मामला सामने आया। सीआरपीएफ के आईजी को भेजे गए एक पत्र में शिकायत की गई है कि बीते 26 नवंबर की दोपहर को प्रियंका गांधी के घर में एक अज्ञात गाड़ी घुस आई थी, जिसमें तीन पुरुष, तीन महिला और एक बच्चा सवार थे। गाड़ी में सवार सभी लोगों ने खुद को प्रियंका गांधी का प्रशंसक बताते हुए मुलाकात और फोटो खिंचवाने के मकसद से वहां आने की बात कही। फोटो खिंचवाने के थोड़ी देर बाद सभी लोग वहां से चले गए।
बताया जा रहा है कि घटना के वक्त प्रियंका गांधी एक अहम बैठक में थीं, इसी बीच जब उन्होंने बाहर शोर सुना तो वे खुद बाहर आईं और उनलोगों से मिलीं और उन्हें चाय-नाश्ता कराकर विदा किया। इसके बाद प्रियंका गांधी के दफ्तर ने सीआरपीएफ के आईजी को पत्र लिखकर घटना की सूचना दी तो हड़कंप मच गया। इस मामले के सामने आने के बाद सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस आमने-सामने आ गई और एक दूसरे पर सुरक्षा में चूक का ठीकरा फोड़ा।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि सीआरपीएफ से मिली हरी झंडी इस मामले में सीआरपीएफ की ओर से कहा गया कि प्रियंका गांधी के आवास के अंदर इंट्री देने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के पास है। जबकि दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई में कहा कि सीआरपीएफ से हरी झंडी मिलने के बाद ही उसे अंदर जाने की इजाजत दी गई थी। प्रियंका गांधी को सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है।
आपको बता दें कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा को दी गई एसपीजी सुरक्षा हटा दी थी। इसके बाद से इनको केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान की जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने का कड़ा विरोध कर रही है।