यूपी की योगी सरकार प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने के लिए भले ही ताबड़तोड़ एनकाउंटर्स का सहारा ले रही हो। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि सूबे का क्राइम ग्राइफ घटने की बजाए बढ़ता दिखाई दे रहा है। हत्या, लूट और रेप की वारदातें आए दिन सुर्खियां बटोर रही हैं। योगी राज में बदमाशों के हौसले कितने बुलंद हैं इसकी बानगी संगम नगरी इलाहाबाद में देखने को मिली। जहां गुरुवार को बाइक सवार बदमाशों ने दिन दहाड़े एक वकील राजेश श्रीवास्तव की मनमोहन पार्क में गोली मारकर हत्या कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बदमाशों ने इस वारदात को उस समय अंजाम दिया जब राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी अपराध और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए वहां पहुंचे थे। यह घटना सुबह 10.30 बजे के आस-पास की है। 45 साल के राजेश अपनी बाइक से कोर्ट जा रहे थे। तभी मनमोहन पार्क के पास दो अपराधियों ने उनका पीछा किया और उनकी कनपटी में गोली मारी दी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद से वकीलों में काफी रोष है।
उन्होंने घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। गुस्साए वकीलों ने कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया। प्रदर्शन कर रहे वकीलों पर काबू पाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.। वकीलों का कहना है कि इलाहाबाद में अपराध बेकाबू है।
अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है। इससे दो दिन पहले ही फूलपुर में भाजपा नेता पवन केसरी की हत्या हुई थी। इस घटना पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर किया है। उन्होंने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में हत्या की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। एक के बाद हत्या की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बुधवार को सहारनपुर में एक युवक की हत्या हो जाती है। हत्या की वजह से तनाव इतना बढ़ जाता है कि इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ती हैं।