नई दिल्ली: कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट को उनके आधार से जोड़ने का अभी तक कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। प्रसाद ने बुधवार को संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी। पिछले कुछ समय से इस तरह की खबरें मीडिया के कुछ हिस्सों में हैं कि निजी सोशल मीडिया अकाउंट, फेसबुक ट्विटर वगैरह को आधार से जोड़ा जाएगा। इसी को लेकर संसंद में भी सवाल किया गया था।
डेटा सुरक्षा को सरकार का ऑडिट
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि देश के सभी नागरियों का आधार कार्ड का डेटा सुरक्षित है। साथ ही सरकार सोशल मीडिया यूजर्स की सुरक्षा की निजता के अधिकार का सम्मान करती है।ऐसे में सरकार सुरक्षा के मद्देनजर समय-समय पर डेटा का ऑडिट कराती है। इसके तहत साल 2016 में 633 संदिग्ध यआरएल ब्लाक किए गए। वहीं साल 2017 में 1385, साल 2018 में 2799 यूआरएल और साल 2019 में अब तक 3433 यूआरएल ब्लॉक किए जा चुके है।
बता दें कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक, व्हाट्सएप को आधार से लिंक करने का मामला अदालत में भी है। मद्रास, बॉम्बे और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इसको लेकर दायर आठ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने अपने यहां ट्रांसफर कर ली हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि क्या सरकार सोशल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए कोई गाइडलाइंस बना रही है। इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी के आखिरी सप्ताह में होगी।