लखनऊ: वर्ष 1995 के चर्चिच लखनऊ गेस्ट हाउस कांड मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस वापस ले लिया है। गेस्ट हाउस कांड के बाद से ही सपा और बसपा एक दूसरे के धुर विरोधी हो गए थे। लेकिन आपसी मतभेदों को भुलाकर पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों ही दलों ने गठबंधन किया था और एक साथ चुनाव लड़ा था। इसके बाद आखिरकार मायावती ने एक कदम और बढ़ाते हुए मुलायम सिंह के खिलाफ केस वापस ले लिया है। इस बात की जानकारी बसपा के दो वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को दी।
बीएसपी ने की पुष्टि: इस मामले में एसपी की ओर से अभी कोई कंफर्मेशन नहीं मिला है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के चलते महज 5 महीने में ही एसपी-बीएसपी का ऐतिहासिक गठबंधन टूट गया था। वहीं, बीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्रा ने पुष्टि की है कि मायावती ने 24 साल पुराने गेस्ट हाउस कांड में दर्ज केस वापस ले लिया है। हालांकि, उन्होंने इस मामले में कोई डिटेल नहीं दी।
गठबंधन के दौरान अखिलेश ने किया था अनुरोध
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसपी के एक और नेता ने नाम छिपाने की शर्त पर बताया, ‘‘12 जनवरी को एसपी और बीएसपी के बीच ऐतिहासिक गठबंधन हुआ था। उस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2 जून, 1995 के गेस्ट हाउस कांड में उनके पिता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का अनुरोध किया था।’’
वहीं सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस बात की जानकारी शुक्रवार को मिलेगी, जिसके बाद ही इस मसले पर कुछ कहा जा सकता है। बता दें कि 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद मुलायम सिंह और बसपा मुखिया कांशीराम के बीच गठबंधन हुआ था। दोनों ही दलों ने एक साथ मिलकर 1993 का चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ा था। उस वक्त गठबंधन को 425 सीटों में 176 सीटों पर जीत मिली थी। जिसके बाद कांग्रेस के समर्थन से सरकार का गठन हुआ था और मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।