नई दिल्ली: आल इंडिया क़ौमी तंज़ीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने आज यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दलित, मुस्लिम, आदिवासी, पिछड़े और अति पिछड़े लोग आतंकित हैं। उन्होंने कहा कि लिंचिंग के डर से आज हर माँ घबराती है कि क्या उसका बेटा वापस घर सही सलामत आएगा या नहीं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में संविधान और कानून है लेकिन कुछ लोग खुद को संविधान और कानून से ऊपर समझते हैं और कानून को अपने हाथ में लेते हैं और संविधान और कानून का गला घोंटने का काम करते हैं।
तारिक अनवर ने कहा कि वर्तमान सरकार जिस तरह से देश को आगे लेजाना चाहती है, उसकी किसी भी तरह से सराहना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर देश में लोकतंत्र नहीं रहा तो देश का धर्मनिरपेक्ष ढांचा नष्ट हो जाएगा। इसलिए, देश की धर्मनिरपेक्ष संरचना को बचाने के लिए, यह जरूरी है कि समाज के सभी लोग गांधीजी द्वारा निर्धारित सिद्धांतों का पालन करें और देश के लोकतंत्र को मजबूत करें।
तारिक़ अनवर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद, हमारी संसद ने लिंचिंग के खिलाफ कानून नहीं बनाया, जो चिंताजनक है, लेकिन मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बधाई देता हूं जिन्होंने इस दिशा में कानून बनाया और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन किया। मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकारों ने आश्वासन दिया है कि वे इस दिशा में कानून बनाने जा रहे हैं, जिस के लिए हम उन के आभारी हैं।
तारिक अनवर ने कहा कि नफरत एक कैंसर है जो लाइलाज बीमारी है। यह समाज को खोखला कर रहा है। जिस तेजी से यह हमारे समाज में घुल रहा है, गांधीजी के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर उसके खिलाफ लड़ने की जरूरत है, जिन्होंने उस सरकार के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए एक अहिंसक दृष्टिकोण अपनाया है जिसका सूरज कभी अस्त नहीं होता था।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र गांधीजी के महत्व को समझता है, लेकिन दुख की बात है कि हमारे देश में रहने वाले कुछ लोग उनके महत्व को नहीं समझते हैं। उन्होंने कहा कि आज जिस बेशर्मी से कानून का दुरुपयोग हो रहा वह बहुत शर्मनाक है। इसलिए नफरत के खिलाफ एकजुट होकर गांधी, नेहरू अंबेडकर, पटेल और आजाद के आज़ाद भारत को बचाने के लिए सभी समाज के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। हमें यह समझना होगा कि अगर हिंदू-मुस्लिम एकता चली गई, तो हमारे विभिन्नता में एकता का इतिहास समाप्त हो जाएगा, क्योंकि मौलाना आजाद ने कहा था कि मैं आज़ादी में देरी को बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन हिंदू मुस्लिम एकता के बलिदान को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
इस अवसर पर पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने तारिक अनवर को अपना राजनीतिक गुरु बताया और कहा कि तारिक अनवर ने कभी भी हिंदू मुस्लिम के नाम पर भेद भाव नहीं किया, हम उनके शिष्य हैं हम कभी भी धर्म के नाम पर भेद भाव नहीं करेंग।