झारखंड में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए तबरेज अंसारी की हत्या के आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 को जोड़ लिया गया है। आज तक की खबर के अनुसार पुलिस ने जांच में तबरेज की पिटाई के वायरल वीडियो को सही पाया है। इसी के आधार पर हत्या की धारा को वापस जोड़ा गया है। इससे पहले अदालत में दाख़िल चार्जशीट में झारखंड पुलिस ने हत्या की धारा हटा दी थी और तबरेज़ की मौत की वजह हर्ट अटैक बता दी थी।
हालांकि उसके इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ रांची से लेकर दिल्ली तक ज़बरदस्त प्रदर्शन होने लगे थे। झारखंड पुलिस पर आरोप लगा कि वो इस मामले में पीड़ित को इंसाफ़ दिलाने की बजाय हत्या के मुलज़िमों के साथ मिल गई है। तबरेज़ की बीवी शाइस्ता परवीन ने कहा कि अगर पुलिस हत्या का मुक़दमा नहीं चलाती है तो वो ख़ुदकुशी कर लेंगी।
हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब मॉब लिंचिंग के मामले में पुलिस ने जांच दबाने की कोशिश की है। इससे पहले झारखंड के ही अलीमुद्दीन अंसारी मॉब लिंचिंग केस और अलवर के पहलू ख़ान लिंचिंग केस में भी पुलिस लीपापोती में जुट गई थी। मगर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन के बाद दोबारा जांच शुरू की जा रही है।
तबरेज अंसारी की मौत के मामले में प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू, भीमसेन मंडल, कमल महतो, सोनामो प्रधान, प्रेमचंद माहली, सुमन्त महतो, मदन नायक,चामू नायक, महेश माहली, कुशल माहली, सत्यनारायण नायक, विक्रम मंडल व अतुल माहली गिरफ्तार हुए हैं। जबकि अब भी कई आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं जो घटना के दौरान मौजूद थे या घटना में शामिल थे।
क्या है मामला
धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने 17-18 जून 2019 की रात चोरी के आरोप में कदमडीहा के तबरेज अंसारी को पकड़कर ग्रामीणों ने पिटाई की जिसका वीडियो वायरल हुआ। पुलिस ने 18 जून को तबरेज को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। जहां तबरेज की तबियत बिगड़ने पर 22 जून को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पत्नी ने दर्ज कराई हत्या की प्राथमिकी
तबरेज की मृत्यु के बाद पत्नी सहस्तिा परबीन ने थाना में धातकीडीह के पप्पू मंडल व अन्य 100 ग्रामीणों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने भादवि की धारा 147/149/341/342/323/302/295अ के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए 11 आरोपियों को 72 घन्टे के अंदर गिरफ्तार कर जेल भेज जबकि अन्य दो आरोपी ने आत्मसमर्पण किया।