करतारपुर साहिब कॉरिडोर को शुरू करने की दिशा में भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे दौर की वार्ता बुधवार को अटारी में हुई। बैठक में कई सहमतियों के साथ दो मुद्दों पर मतभेद भी सामने आए।
वहीं अधिकारियो ने बताया कि अमृतसर के अटारी में दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक के दौरान पाकिस्तान ने गुरुद्वारा आने वाले श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क लिए जाने पर जोर दिया था लेकिन भारतीय पक्ष इस पर सहमत नहीं हुआ। करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक की तीसरी बैठक पर मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया, पाकिस्तान ने गुरुद्वारा परिसर में भारतीय वाणिज्यदूत या प्रोटोकॉल अधिकारियों की उपस्थिति की अनुमति नहीं दी।
जिसके बाद यह बैठक बेनतीजा ही खत्म हो गई। भारत ने पाकिस्तान से उसके इस रुख पर फिर से विचार करने की अपील की है। सूत्रों ने बताया कि यह भी तय हुआ कि 5000 श्रद्धालु हर दिन गुरुद्वारा जा सकते हैं। वहीं भारत ने खास मौकों पर श्रद्धालुओं की संख्या 10 हजार तक बढ़ाने का आग्रह किया था। लेकिन पाकिस्तान इस पर सहमत नहीं हुआ। बैठक के बनतीजा होने के बाद संयुक्त सचिव ने कहा कि, ऐसा लगता है कि वे समझौते का समापन नहीं करने के लिए आए थे। वे गंभीर वार्ता की जगह प्रोपगेंडा फैला रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय मूल के व्यक्ति जिनके पास ओसीआई कार्ड हो, वे भी करतारपुर गलियारे का प्रयोग कर गुरुद्वारा जा सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि अमृतसर के अटारी में हो रही संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में शामिल होने के लिए 20 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा था।