संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में चल रहा है छात्रसंघ बहाली आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा। संयुक्त संघर्ष समिति के द्वारा दीक्षांत समारोह के आयोजन को लेकर एक आपातकालीन बैठक आहूत की गई,जिसमें वर्तमान छात्रसंघ पदाधिकारी पूर्व पदाधिकारी वरिष्ठ छात्र नेता मौजूद रहे ।
पूर्व अध्यक्ष रिचा सिंह तथा वर्तमान छात्रसंघ पदाधिकारियों के माध्यम से इविवि के होने वाले दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि माननीय कैलाश सत्यार्थी जी को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय की वर्तमान परिस्थितियों से अवगत कराते हुए यह बताया गया कि किस तरह से दीक्षांत समारोह में आम छात्रों को प्रतिबंधित कर दिया गया है जो कि सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है,छात्र संघ द्वारा यह सवाल पूछा गया कि क्या दोष इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तीस हजार आम छात्रों का है,जिसके चलते अपने ही विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सेदारी करने के उनके अधिकार को छीना जा रहा ,साथ ही माननीय कैलाश सत्यार्थी जी को यह भी सूचित किया गया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व एवं वर्तमान छात्र संघ ने दीक्षांत समारोह का बहिष्कार करने का फैसला लिया है ,क्योंकि यह दीक्षांत समारोह आम छात्रों का ना होकर,कुछ विशिष्ट अतिथियों और विश्वविद्यालय प्रशासन मात्र का बनकर रह गया है जो कि बेहद निंदनीय ही नहीं है बल्कि दीक्षांत समारोह की गरिमा के भी पूर्णतः प्रतिकूल है।
संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रिचा सिंह व पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव ने कहा कि आज तक के विश्वविद्यालय के इतिहास में हमेशा दीक्षांत समारोह कन्वोकेशन ग्राउंड में होते आ रहा है, जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकतर छात्र भागीदारी करते आए हैं,लेकिन यह समारोह कुछ चुनिंदा लोगों का निजी कार्यक्रम है।
जहां समस्त छात्रों की भागीदारी की व्यवस्था न हो वहाँ छात्रसंघ का कोई औचित्य नहीं।
वर्तमान अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव तथा उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन मानसिक रूप से दिवालिया हो चुका है व राज्यपाल के प्रोटोकाल को दरकिनार करते हुए संवैधानिक पद की अवमानना पर आमादा था ,शुक्रिया छात्र संघ के उस पत्र को जिसको संज्ञान में लेकर राज्यपाल ने समारोह में शामिल होने से मना कर दिया है व अपने पद की रक्षा की।
छात्रसंघ महामंत्री शिवम सिंह व उपमंत्री शिवम सिंह ने कहा कि माननीय कैलाश सत्यार्थी जी छात्रों की पीड़ा समझने और सुलझाने के लिए जाने जाते हैं,वह जब एक ऐसे व्यक्ति के साथ मंच साझा करने जा रहे हैं जिसने विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों का जीवन बर्बाद कर दिया है व लोकतंत्र की सारी परंपराओं को खत्म कर चुका है। यह काफी निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस दौरान पूर्व उपाध्यक्ष अदील हमजा,पूर्व उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चौधरी,वरिष्ठ छात्रनेता अखिलेश गुप्ता गुड्डू,अतेंद्र सिंह,अरविंद सरोज,अविनाश विद्यार्थी,संदीप मोर्चा,अजय सम्राट,सौरभ बंटी, जितेंद्र धनराज,विजय चंदेल,आनंद सेंगर,मृत्युंजय मिश्रा,सत्यम कुशवाहा,अवनीश यादव आदि मौजूद रहे।