पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इस बाबत गृह मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान सुरक्षा कवर की समीक्षा की गई है। यह समीक्षा सुरक्षा एजेंसियों की ओर से संभावित खतरे को देखते हुए की जाती है। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के बाद मनमोहन सिंह को जेड प्लस की सुरक्षा कवर दी जाएगी।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर कैबिनेट सचिव और गृह मंत्रालय के बीच समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया है। अब तक सिर्फ पांच लोगों को एसपीजी सुरक्षा मिली थी। अब केवल चार लोगों ही एसपीजी सुरक्षा मिलेगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं।
एसपीजी सुरक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गांधी परिवार को एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त है। यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है। इसमें तैनात कमांडो के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं।
पहले यह सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी मिली हुई थी लेकिन आईबी रिपोर्ट की समीक्षा के बाद खतरे के कम स्तर को देखते हुए उनसे यह सुरक्षा वापस ले ली गई है।
जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा
स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
हर कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने की कला में माहिर होता है। सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो के पास एमपी 5 मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण भी होता है। इसके अलावा इनके काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है। देश में चुनिंदा लोगों को ही जेड प्लस की सुरक्षा प्राप्त है।