श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद श्रीनगर सचिवालय से अब राज्य का झंडा हटा दिया गया है, अब वहां केवल राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहरा रहा है, अभी तक सचिवालय पर तिंरगा और राज्य का झंडा दोनों फहराए जाये जाते थे लेकिन अब से सिर्फ तिरंगा ही वहां लहराएगा क्योंकि जम्मू-कश्मीर से संसद ने अनुच्छेद 370 को हटा दिया है, इसके तहत राज्य को जो विशेषाधिकार मिलते थे, वह खत्म कर दिए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान, झंडा और दंड संहिता होता था. लेकिन अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब वहां भारतीय संविधान लागू होगा। सरकारी इमारतों पर तिरंगा लहराएगा और भारतीय दंड संहिता का पालन होगा। राज्य में पहले किसी बाहरी शख्स के जमीन खरीदने पर भी पाबंदी थी. यह प्रावधान भी खत्म हो गया है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है। मौजूदा जम्मू-कश्मीर राज्य के राज्यपाल अब केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित लद्दाख के उपराज्यपाल होंगे। साथ ही विधानसभा का कार्यकाल भी 6 नहीं 5 साल का होगा।
मालूम हो कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद लोगों के मौलिक अधिकार का हनन का हवाला देते हुए 33 वर्षीय आईएएस अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आईएएस अधिकारी कन्नान गोपीनाथन ने कहा कि जिस तरह से लाखों लोगों का जम्मू कश्मीर से मौलिकअधिकार छीन लिया गया, उसकी वजह से वह अपने पद से इस्तीफा देना चाहते हैं और सरकारी सेवा में नहीं बने रहना चाहते हैं। इस्तीफा देने के बाद गोपीनाथन ने कहा कि मेरे अकेले के इस्तीफा देने से कुछ फायदा नहीं है, लेकिन मैं अपने अपने फैसले से खुद की अंतरआत्मा को जवाब दे सकता हूं।