नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कई विपक्षी भी मोदी सरकार के समर्थन में खड़े आ रहे हैं। कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेता भी इनमें शामिल हैं। कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता पेशकश पर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं। साथ ही केंद्र सरकार से भी इस मुद्दे पर सफाई देने की बात कही है। बता दें कि ओवैसी की यह प्रतिक्रिया कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फोन पर बातचीत के तुरंत बाद आया है।
डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की करीब 30 मिनट तक चली लंबी बातचीत पर निराशा व्यक्त करते हुए ओवैसी ने सामाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि प्रधानमंत्री ने अमिरकी राष्ट्रपति की तरफ से ‘कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्था की बात’ के पूर्व में किए दावे को मान लिया है।
ओवैसी ने कहा- “मैं हैरान और आश्चर्य हूं कि पीएम मोदी ने ट्रंप के साथ फोन पर बात कर उस मुद्दे पर चर्चा की जो द्विपक्षीय है। पीएम मोदी यह कदम ट्रंप के पूर्व में किए गए दावे की पुष्टि करता है कि जिन्होंने कहा था कि ‘उन्हें मध्यस्थता के लिए कहा गया था।’ यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है।”
ये है पूरा मामला
दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की थी। दोनों के बीच लगभग 30 मिनट तक बात हुई। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों एवं आपसी सहयोग को लेकर भी चर्चा हुई। सीमापार से होने वाले आतंकवाद को लेकर भी बात हुई। इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि मोदी और ट्रंप के बीच 30 मिनट तक बातचीत गर्मजोशी भरी और सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई और इसमें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय मामले शामिल थे। हालांकि, इसमें जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर हुई बात का जिक्र नहीं किया गया।