नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार बयान दिया। उन्होंन चेन्नई में एक कार्यक्रम में कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं था, इससे राज्य का भला हुआ है।’ उन्होंने कहा कि ‘सदन में बिल पेश करते हुए कुछ आशंकाएं थी क्योंकि ऊपरी सदन में हमारा बहुमत नहीं है। लेकिन, हमने सदन की गरिमा नहीं गिरने दी।’
अमित शाह ने कहा कि “एक लेजिस्लेटर के तौर पर मेरे मन में जरा भी कंफ्यूजन नहीं था कि धारा 370 हटानी चाहिए या नहीं हटानी चाहिए। मैं निश्चित तौर पर मानता हूं कि धारा 370 से देश का भला नहीं हुआ, कश्मीर का भला नहीं हुआ। बहुत पहले हटनी चाहिए थी। गृह मंत्री के तौर पर मेरे मन में जरा भी कंफ्यूजन नहीं था कि धारा 370 के बाद क्या होगा।” शाह ने इसे आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत के तौर पर भी पेश किया।
चेन्नई में राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की जिंदगी पर एक किताब “Listening, Learning and Leading” का विमोचन करते हुए अमित शाह ने कहा कि आंध्र के विभाजन का दृश्य आज भी देश की जनता के सामने है, इसलिए मेरे मन में थोड़ा सा भय था कि कहीं ऐसे दृश्य का हिस्सेदार मैं भी तो नहीं बनूंगा…यही भाव के साथ…यही डर के साथ मैं राज्यसभा में खड़ा हुआ था क्योंकि कश्मीर की जनता के हित के लिए ये बहुत जरूरी था।
अमित शाह ने वेंकैया नायडू की तारीफ करते हुए कहा कि वो बिल आज पास हो पाया है उसके पीछे वेंकैया जी का बहुत बड़ा योगदान है. यह उनकी कुशलता का ही परिणाम है कि सभी विपक्ष के मित्रों को सुनते सुनते इस बिल को डिवीजन तक कहीं भी कोई ऐसा दृश्य खड़ा नहीं हुआ जिसके कारण देश की जनता को ये लगे कि उच्च सदन की गरिमा नीचे आई है।
अब कश्मीर के अंदर आतंकवाद की समाप्ति होगी
उन्होंने कहा कि मैं निश्चित रूप से मानता हूं कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर के अंदर आतंकवाद की समाप्ति होगी और कश्मीर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ जाएगा।