जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया है। उन्हें श्रीनगर के हरि निवास गेस्ट हाउस में रखा गया है। घाटी में धारा 144 लागू है। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला द्वारा लगातार बयानबाजी की जा रही थी। सूत्रों की माने तो प्रशासन ने हिंसा न भड़के इसलिए सुरक्षा के कारणों से हिरासत में लिया गया है।
महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के हर कदम पर शुरू से सवाल उठा रहे हैं। राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किए जाने और स्पेशल एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।
महबूबा मुफ्ती ने संसद में 370 को निरस्त किए जाने संबंधी घोषणा किए जाने के कुछ ही मिनट बाद दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट पर मुफ्ती ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया। भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला अवैध और असंवैधानिक है।
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बयान जारी करके कहा था कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है। जम्मू-कश्मीर ने 1947 में जिस भरोसे के साथ भारत से जुड़ा था, आज वह टूट गया है। भारत सरकार के इस फैसले से भयानक दुष्परिणाम सामने आएंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार की रात को पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया था। इतना ही नहीं, घाटी में मोबाइल इंटरनेट सर्विस को निलंबित कर दिया गया था। मोदी सरकार द्वारा आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा था, ‘आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का स्याह दिन है। साथ ही उन्होंने सरकार के इस कदम को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया था।