पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में बैचेनी है। यह बेचैनी घाटी तक सीमित नहीं है। इसके दायरे में दिल्ली का राजनीतिक गलियारा भी है। शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा रोकने के फैसले के बाद से ‘लगता है, कुछ बड़ा होने वाला है कश्मीर में…’ वाली बात फिजाओं में है। उसके बीच सवाल यह भी है कि कश्मीर में बाहरी ताकतों से खतरा है या फिर यह भीतर की चुनौतियों से ही निपटने की तैयारी है।
खबरों के मुताबिक, जब एडवाइजरी जारी हुआ उसके अगले घंटे कुछ बड़ा होने की आशंका को लेकर लोग खाने-पीने और जरूरत की चीजें इकट्ठा करने में जुट गए। हालात यह हो गई एटीएम और पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी लाइनें लग गई। राशन के दुकानों में सामानों को इक्ठ्ठा करने में होड़ सी मच गई। इस पहले सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के टॉप अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी यात्रा को निशाना बना सकते हैं।
इसी बीच लोगों में किसी अनहोनी की आशंका सताने लगी है। वहां के लोगों को आशंका है कि 35 ए को हटाई जा सकती है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खबर यह भी है कि केंद्र सरकार चुनाव से पहले परिसीमन या राज्य के विभाजन के बारे में कोई घोषणा कर सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार जम्मू और कश्मीर का तीन भाग में विभाजन कर सकती है। इसके तहत जम्मू को पूर्ण राज्य का दर्जा, लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश और कश्मीर को एक अलग राज्य घोषित किया जा सकता है।
अफवाहों का बाजार गर्म होने की पीछे कई तथ्य सामने आ रहे हैं। राज्य में अमरनाथ यात्रा के लिए पहले 40,000 सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी, इसके बावजूद बाद में 10,000 सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती की गई। फिर उसके बाद और 25 हजार सुरक्षा बल घाटी में भेजे जाने और सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
विधानसभा चुनाव की चर्चा भी गर्म
मोदी सरकार ने तत्काल कश्मीर पर किसी बड़े फैसले की संभावना को खारिज करते हुए मौजूदा घटनाक्रम को वहां से मिली खुफिया रिपोर्ट और चुनाव की तैयारी से जोड़ रही है। तय कार्यक्रम के अनुसार राज्य में अक्तूबर-नवंबर में बर्फ गिरने से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव के लिए वहां बहुत बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की जरूरत होगी। सुरक्षा कारणों से ही वहां एक लोकसभा सीट पर दो चरणों में चुनाव कराने पड़े थे। सरकार वहां लोगों की भागीदरी से कामयाबी से चुनाव कराके अलगाववादी ताकतों को करारा जवाब देना चाहती है।