नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के पास अगले मुख्य कोच की चयन प्रक्रिया में कोई भी रोल निभाने का अधिकार नहीं होगा। कोच कैसा होना चाहिए, कैसा नहीं, इसके बारे में बीसीसीआई कोहली से राय नहीं लेगी। इस बात की पुष्टि बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की है। अधिकारी के अनुसार, किसे कोच चुनना है या नहीं, यह सब कपिल देव वाली कमेटी तय करेगी। कपिल देव का फैसला टीम के हर सदस्य को मानना होगा। आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपॉइंट की गई कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स यानी सीओए का होगा।
खबरों के मुताबिक, यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि अनिल कुंबले के कार्यकाल के बाद कोहली ने खुलेआम रवि शास्त्री को कोच बनाने की मांग रखी थी, जिसके बाद कुंबले-कोहली के बीच के आपसी मतभेद की खबरें भी सामने आईं थी। भारत विश्व कप में न्यूजीलैंड से 18 रन से हारने के बाद सेमीफाइनल से बाहर हो गया था। इसके बाद बीसीसीआई ने रवि शास्त्री का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भारत के मुख्य कोच पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए। हालांकि संजय बांगर और भरत अरूण के साथ शास्त्री को वेस्टइंडीज दौरे तक के लिए एक्सटेंशन दिया गया है। वेस्टइंडीज दाैरे के बाद यह अपने पद से हट जाएंगे।
नए कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल 5 सितंबर 2019 से 24 नवंबर 2021 तक होगा। वहीं, एडमिनिस्ट्रेटिव मैनेजर को एक साल के लिए अपॉइंट किया जाएगा। इसके अलावा खबरें यह भी आ चुकी हैं कि कोहली की कप्तानी को लेकर भी बीसीसीआई बड़ा फैसला सुना सकती है। सूत्रों के अनुसार, आगामी आईसीसी टी20 विश्व कप व 2023 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए रोहित शर्मा को वनडे और टी20 फाॅर्मेट का कप्तान बनाया जा सकता है, जबकि कोहली के पास सिर्फ टेस्ट की कप्तानी रहेगी।
गौरतलब है कि साल 2017 में जब रवि शास्त्री को कोच नियुक्त किया गया था तो इससे पहले विराट कोहली से इस बारे में राय मांगी गई थी। वैसे खबर ये भी आ रही है कि रवि शास्त्री कोचिंग पद पर बने रह सकते हैं। शास्त्री के बारे में कहा जा रहा है कि शास्त्री के कोच रहते भारतीय टीम टेस्ट और वनडे में नंबर 1 टीम बनी है। ऐसे में एक हार के कारण उनके खिलाफ सख्त फैसला नहीं लिया जा सकता है।