समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर आजम की गिरफ्तारी किसी बयान के लिए नहीं, बल्कि जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में हो सकती है। आरोप है कि आजम खान ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने करीबी पूर्व क्षेत्राधिकारी आले हसन खान के सहयोग से मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए कई सौ करोड़ रुपये कीमत की जमीनें हड़प लीं।
इस संबंध में रामपुर के अजीमनगर थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है। समाचार एजेंसी आईएएनएस की खबर के मुताबिक आजम पर जबरन जमीन कब्जाने के लिए दो दर्जन से अधिक किसानों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखवाने और प्रताड़ित करने का आरोप है। आईएएनएस के अनुसार रामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय पाल शर्मा ने कहा है कि 26 किसानों ने आरोप लगाया है कि आजम खां और आले हसन ने अवैध रूप से उन्हें हिरासत में लिया और उनकी कई हजार हेक्टेयर जमीन हासिल करने के लिए जाली कागजात पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला।
शर्मा ने बताया कि जब किसानों ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया। आलेहसन उस वक्त रामपुर के सीओ थे, उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और किसानों की जमीन पर कब्जा किया, ये किसान काफी गरीब थे। तथ्यों की पुष्टि के बाद हमने आजम खान और आलेहसन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया है। रामपुर के पुलिस मुखिया ने बताया कि राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार पर 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।
कभी भी हो सकते हैं गिरफ्तार
जब एसपी से पूछा गया कि क्या आजम खान गिरफ्तार हो सकते हैं तो उन्होंने कहा कि वह किसी भी समय गिरफ्तार हो सकते हैं। बता दें कि 2012 में अखिलेश यादव की सरकार ने यूनिवर्सिटी के लिए आजम खान को जीवनपर्यंत चांसलरशिप दी थी, जिसका यूपी के राज्यपाल ने विरोध किया था। पिछले महीने जया प्रदा ने भी आजम खान के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की थी,जिसमे कहा गया था कि आजम खान की लोकसभा सदस्यता को रद्द किया जाए क्योंकि उनके पार विश्वविद्यालय में लाभ का पद है।