मशहूर फिल्म अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने कहा कि माहौल कुछ इस तरह का बनाया जा रहा है कि सरकार की आलोचना करने वाले लोगों को तत्काल राष्ट्रविरोधी कह दिया जाता है। उन्होंने देश की कमियों को दूर करने के लिए इन्हें सामने लाए जाने की जरूरत पर जोर दिया। शबाना ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमारे मुल्क की अच्छाई के लिए जरूरी है कि हम इसकी बुराइयां भी बताएं। अगर हम बुराइयां बताएंगे ही नहीं, तो हालात में सुधार कैसे लाएंगे? लेकिन वातावरण इस तरह का बन रहा है कि अगर आपने खासकर सरकार की आलोचना का, तो आपको फौरन राष्ट्रविरोधी कह दिया जाता है। हमें इससे डरना नहीं चाहिए और इनके सर्टिफिकेट की किसी को जरूरत भी नहीं है।’
शबाना आजमी ने कहा कि हम गंगा जमुनी तहजीब में पले हैं, हमे मौजूदा हालात के सामने अपने घुटने नहीं टेकने चाहिए। सांप्रदायिकता के खिलाफ बोलते हुए आजमी ने कहा कि हमारे देश एक खूबसूरत मुल्क है, लोग हमे बांटने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह मुल्क के लिए कतई सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक दंगे जब होते हैं तो सबसे अधिक तकलीफ देश में महिलाओं को होती है। दंगे में एक महिला का पूरा घर बर्बाद हो जाता है। उसके अपने बच्चे बेघर हो जाते हैं, वह स्कूल नहीं जा पाते। ऐसे में साफ है कि सांप्रदायिकता का सबसे बड़ा शिकार महिलाएं ही बनती हैं। शबाना आजमी ने यह बयान कुंती माथुर सम्मान समारोह में दिया, जिसमे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्म के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के पीछे दो कारण हैं। पहला तो लोगों को समय से न्याय नहीं मिलता है जिससे लोंगो के मन में गुस्सा है और दूसरा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता लोगों को मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के लिए उकसाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने इसकी एक तस्वीर भाजपा नेता आकाश विजयवर्गीय के बुरे बर्ताव के रूप में देखी।