नई दिल्ली : भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने पहली बार सीधे तौर पर बीएसपी प्रमुख मायावती पर निशाना साधा है. चंद्रशेखर ने बुधवार को मायावती पर कांशीराम द्वारा शुरू किए गए सामाजिक न्याय आंदोलन को कमजोर करने के प्रयास का आरोप लगाया है. चंद्रशेखर ने कहा कि मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन तोड़कर बहुजन आंदोलन को कमजोर कर दिया है.
भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर ने भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने और अपने भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के शीर्ष पदों पर नियुक्त करने पर भी मायावती को आड़े हाथों लिया. यह पूछे जाने पर कि क्या 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी भाग लेगी, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है. आपको बता दें कि बसपा सुप्रिमो मायावती हमेशा चंद्रशेखर की आलोचना करती रही हैं.
कौन है चन्द्रशेखर रावण
भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण की 15 माह जेल में रहने के बाद गुरुवार की देर रात रिहा हो गया है. चंद्रशेखर का जन्म सहारनपुर में चटमलपुर के पास धडकूलि गांव में हुआ था. जिले के एक स्थानीय कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की. वो पहली बार 2015 में विवादों में घिरे थे. उन्होंने अपने मूल स्थान पर एक बोर्ड लगाया था, जिसमें ‘धडकाली वेलकम यू द ग्रेट चमार्स’ लिखा था. इस कदम ने गांव में दलितों और ठाकुर के बीच तनाव पैदा कर दिया था. चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया के जरिए काफी सुर्खियां बटोरी हैं. चंद्रशेखर ने फेसबुक और व्हाट्सअप के जरिए लोगों को भीम आर्मी से जोड़ने का काम किया.
भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने अपनी ताकत उस वक्त दिखायी, जब नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में दलितों ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया था. सहारनपुर में दलितों पर हुई हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन के बाद चंद्रशेखर ने कहा था कि यदि 37 निर्दोष दलित जमानत पर रिहा किये जाएं, तो वह आत्मसमर्पण कर देगा.