नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने टेलीविजन चैनलों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने आपत्तिजनक सामग्री का प्रसारण किया तो उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। सूचना और प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि भ्रामक खबर देने और आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने वाले चैनलों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है और उसके आधार पर चैनल के खिलाफ कार्रवाई कर उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
राठौड़ ने लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रहलाद पटेल की ओर से पेश गैर सरकारी विधेयक टेलीविजन प्रसारण कंपनी नियमन विधेयक, 2015 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश में आठ सौ से ज्यादा चैनल हैं। इनमें यदि किसी तरह की नकारात्मक, भ्रम फैलाने वाली या आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित होती है तो चैनल के खिलाफ कोई भी दर्शक स्वनियामक समितियों में शिकायत कर सकता है। चैनलों पर प्रसारित सामग्री के लिए जिम्मेदारी तय की गई हैं और उसके खिलाफ दर्शक शिकायतें कर सकते हैं।
‘बच्चों पर पड़ता है गलत प्रभाव’
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ये कदम अक्सर विचारोत्तेजक और उम्र के अनुकूल होते हैं। इस तरह के कृत्य का बच्चों पर गलत प्रभाव हो सकता है, कम उम्र के कारण ये उन्हें प्रभावित कर सकता है। मंत्रालय की ओर से चैनलों को जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि टीवी पर बच्चों को शो में इस तरह के डांस मूव्स करने से रोकें जो कि व्यसक करते हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि चैनलों को ऐसे रियलिटी शो और कार्यक्रमों को दिखाने के दौरान अधिक संयम, संवेदनशीलता और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बता दें कि ये एडवाइजरी सभी प्राइवेट निजी चैनलों को जारी की गई हैं जिसका पालन अनिवार्य है।