जोधपुर। फिल्म अभिनेता सलमान खान को 1998 के काले हिरण शिकार मामले के दौरान अपने हथियार का लाइसेंस गुम हो जाने का झूठा शपथ पत्र देने के मामले में अदालत ने बरी कर दिया है। सलमान खान के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि सलमान खान का किसी भी तरह का यह मंतव्य नहीं था कि वह झूठा शपथ पत्र दे, ऐसे में उसके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है और उनके खिलाफ मामला ना चलाया जाए। आज (17 जून) जोधपुर कोर्ट ने सलमान को मामले में बरी कर दिया।
1998 में जोधपुर में सलमान खान के खिलाफ हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट का एक प्रकरण दर्ज किया गया था। आर्म्स एक्ट में उन्हें पिछले साल बरी कर दिया गया। इस मामले की सुनवाई के दौरान सलमान को अपना लाइसेंस कोर्ट में जमा करवाना था, लेकिन सलमान की तरफ से शपथ पत्र देकर बताया गया कि उनका लाइसेंस खो गया। जबकि बताया जा रहा है लाइसेंस नवीनीकरण के लिए दिया हुआ था। अभियोजन ने इस शपथपत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए दंड प्रक्रिया सहिंता 340 के तहत कारवाही करने का प्रार्थना पत्र 2006 में पेश किया था। जिस पर सुनवाई बीते मंगलवार को पूरी हुई जिसके बाद आज अदालत ने कहा कि अबिनेता पर इसके लिए कार्रवाई नहीं होगी।
1998 में फिल्म हम साथ-साथ है की शूटिंग के दौरान सलमान खान और उनके साथी अभिनेताओं पर काला हिरण शिकार के मामलों दर्ज हुए थे। इस मामले में में कोर्ट ने सलमान को दोषी करार देते हुए सजा सुना रखी है और वो जमानत पर बाहर हैं। वहीं इससे जुड़े दो मामले हाईकोर्ट में चल रहे हैं।
मामले को लेकर 11 जून को सीजेएम ग्रामीण कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस दौरान सलमान के वकील ने कोर्ट में कहा था कि सलमान खान का किसी भी तरह का यह इंटेशन नहीं था कि वह झूठा शपथ पत्र दें. ऐसे में उनके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही करना उचित नहीं है.
अपोजीशन ने आरोप लगाया कि सलमान खान का ये शपथपत्र झूठा है. सलमान पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगा और विपक्षी पार्टी ने आईपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई करने का प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया. इसी पेटीशन पर लगातार सुनवाई के बाद इस पर आदेश की सुनवाई में 17 जून को फैसला गया.