मुंबई। महाराष्ट्र के मालेगांव में 2006 में हुए बम धमाकों के केस में चार आरोपियों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। शुक्रवार को लोकेश शर्मा, धन सिंह, राजेंद्र चौधरी और मनोहर नरवारिया को हाईकोर्ट ने 50,000 रुपए के मुचलके पर जमानत दी। अदालत ने जमानत मंजूर करते हुए चारों आरोपियों को सभी सुनवाईयों पर विशेष अदालत में उपस्थित रहने और सबूतों या गवाहों से संपर्क नहीं करने को कहा है। जस्टिस आईए महंती और जस्टिस एएम बदर की पीठ ने चारों को जमानत दी है।
चारों आरोपियों को 2013 में गिरफ्तार किया गया था। विशेष अदालत ने के 2016 में जमानत याचिका खारिज करने के बाद जेल में बंद चारों आरोपियों ने 2016 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 2006 में मालेगांव में मस्जिद के पास विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 घायल हुए थे। मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बांधे गए विस्फोटक से धमाके को अंजाम दिया गया था।
मालेगांव धमाका मामले में स्पेशल कोर्ट इस मामले में नियमित सुनवाई कर रहा है। इस मामले में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी आरोपी हैं। फिलहाल एनआईए मामले की जांच कर रही है। 2011 में मामले को एनआईए के पास ट्रांसफर किया गया था।
मालूम हो कि मालेगांव ब्लास्ट केस में अदालत के सामने पेश हुईं साध्वी प्रज्ञा को जज ने बैठने की अनुमति दी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। पूरी सुनवाई के दौरान एक खिड़की के सहारे खड़ी रही प्रज्ञा ठाकुर जज के बाहर जाते ही चिल्लाने लगीं। उन्होंने कहा कि खराब तबीयत के बावजूद उनको ऐसी कुर्सी पर बैठने को कहा गया जो बहुत छोटी थी, खराब स्वास्थ्य के कारण वह उसपर बैठ नहीं सकती थीं। साध्वी प्रज्ञा ने चिल्लाते हुए कहा, ‘कोर्ट में बैठने का स्थान तो दें, कम से कम सजा ना होने तक मुझे बैठने का अधिकार है, जब सजा हो जाए तो फांसी पर चढ़ा दीजिए।’