उत्तर प्रदेश: कुशीनगर में स्कूली वैन हादसे के बाद शनिवार को स्वास्थ्य महकमे की संवेदनहीनता खुलकर सामने आई है. बच्चों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने मासूम बच्चों के शवों को बिना सिलाई किये ही छोड़ दिया. जिससे उनके शरीर के अंग बाहर आ गये. डॉक्टरों ने पेट और सिर का पोस्टमार्टम करने के बाद सिला ही नहीं था.
जनाजा निकलने के पहले कामरान और फरहान के शवों को नहलाने के लिए खोला गया तो भीतर के सारे अंग दिखाई पड़ रहे थे. जिसे देखकर बच्चों के परिजनों की हालत खराब हो गई. बाद में बिना नहलाये ही दोनों मासूमों के शवों को सुपर्द-ए-खाक किया गया. लेकिन पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की संवदहीनता से हर कोई आक्रोश में है.
यह सोचने की बात है कि जिस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ ही घंटो में मौके पर पहुंचकर मासूमों और उनके परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं. वहीं इन मासूमों का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक इस तकह की संवेदनहीनता का परिचय दे रहे हैं.
बता दें कि स्कूली बस और ट्रेन की टक्कर में पडरौन मडुरही निवासी हैदर अली के दो बेटे कामरान और फरहान की भी मौत हुई थी. हैदर अली के सउदी अरब रहने के कारण कामरान और फरहान के शव को दफनाया नहीं गया था.
हैदर अली के आने पर दोनों को दफनाने की रस्म शुरू हुई. जैसे ही दोनों के शवों को नहलाने के लिए खोला गया तभी शरीर का सारा अंग बाहर आ गया. मामला सामने आने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दे दिए है