पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी द्वारा हिंसा से त्रस्त राज्य में सौहार्दपूर्ण हालात बनाने के लिए चार राजनीतिक दलों की बुलाई गई बैठक गुरुवार को बेनतीजा रही। राजभवन से बाहर निकलते हुए राज्य बीजेपी के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि राज्यपाल पांच सुझावों के साथ आए थे लेकिन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि ने कहा कि वह मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से बात करने से पहले इसका समर्थन नहीं कर सकते।
मजूमदार ने त्रिपाठी के पहल की सराहना की और कहा कि उनकी पार्टी किसी भी कदम का समर्थन करेगी जो जारी हिंसा को रोके और शांति लाए। हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा बैठक बुलाए जाने से ही यह साबित होता है कि राज्य में शांति नहीं है।
तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने मीडिया से बातचीत नहीं की। पार्थ चटर्जी बैठक में शामिल हुए थे। सीपीएम के पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि तृणमूल और बीजेपी राज्य का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहीं हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने त्रिपाठी पर चुनाव बाद हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पर गलत बयानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए दस लोगों में से आठ उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सदस्य थे।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि डॉक्टरों का यह आंदोलन उनके राजनीतिक विरोधियोंकी साजिश है। उन्होंने कहा, “मैं इसकी निंदा करती हूं। यह सीपीआई और भाजपा की साजिश है।उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में परेशानियां बढ़ाने के लिए बाहर के लोग दाखिल हुए हैं। भाजपा इस हड़ताल को सांप्रदायिक रंग देना चाहती है।”
ममता ने कहा,”भाजपा सीपीआई की मदद से हिंदू-मुस्लिम राजनीति कर रही है। मैं दोनों पार्टियों का प्यार देखकर हैरान हूं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को तनाव पैदा करने और फेसबुक पर प्रोपेगैंडा चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।” उधर, भाजपा नेता मुकुल रॉय ने आरोप लगाया है कि एक विशेष समुदाय के लोगों ने डॉक्टरों पर हमला किया। हमलावर तृणमूल से जुड़े हुए हैं।