नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को राज्यसभा में नेता सदन नियुक्त किया गया है। गहलोत केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री हैं। गहलोत राज्यसभा के नेता के तौर पर पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह लेंगे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल, 2014-19 तक राज्यसभा में राज्यसभा के नेता सदन रहे अरुण जेटली खराब स्वास्थ्य की वजह से नई सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं है।
थावरचंद गहलोत 2012 से लगातार दूसरी बार राज्यसभा के सदस्य हैं, 2012 में पहली दफा और 2018 में दूसरी बार उनको राज्यसभा के लिए चुना गया। मध्य प्रदेश से आने वाले गहलोत बीजेपी के प्रमुख दलित नेताओं में गिने जाते हैं।
राज्यसभा से पहले गहलोत मध्य प्रदेश की शाजापुर लोकसभा सीट से 1996 से 2009 तक सांसद थे। 2009 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद 2012 में भाजपा ने उनको राज्यसभा भेजा था। 2014 में पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में भी गहलोत को सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री बनाया गया था। गहलोत चार दशक से राजनीति में हैं। वह राज्यसभा और लोकसभा का सदस्य रहने के अलावा मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्तमंत्री अरुण जेटली सरकार के प्रमुख चेहरों में थे लेकिन बीते कुछ समय से उनका स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा था। करीब दो साल से जेटली लगातार गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद जेटली ने खुद ही पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है इसलिए उनको मंत्री ना बनाया जाए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री गहलोत अनुभवी सांसद और भाजपा के वरिष्ठ दलित नेता हैं। राज्यसभा में सदन के नेता की नियुक्ति केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी करती है।