लखनऊ: मुजीबुल्लाह नाम है, उम्र 80 वर्ष है। लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर काम कुली का करते हैं। यह नाम बड़े ही अदब और गर्व के साथ लिया जा रहा है। वजह भी बेहद खास है। दरअसल, महामारी कोरोना वायरस के मुश्किल वक्त में उन्होंने प्रवासी मजदूरों के बोझे को बिना कोई पैसा लिए उनका सामान ढोएा।
और जरूरतमंदों को खाना खिलाने का नेक काम भी किया। उनकी तारीफ़ में भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने ट्विटर पर खास मेसेज लिखा है।
ये भी पढ़ें: कोरोना से कहीं ज्यादा खतरनाक है तालाबंदी
दुनिया के बेस्ट फील्डरों में से एक रहे मोहम्मद कैफ ने मुजीबुल्लाह की कहानी शेयर की है। उन्होंने लिखा- मानवता किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। मुजीबुल्लाह की उम्र 80 वर्ष है। वह लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर कुली का काम करते हैं।
उन्होंने बिना कोई पैसा लिए प्रवासी मजदूरों के सामानों को ढोया और उनके लिए खाना भी उपलब्ध कराया। मुश्किल वक्त में उनकी निस्सवार्थता प्रेरणा दायक है। भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने उनकी तारीफ़ में ट्विटर पर मेसेज किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रवासी मजदूरों के लिए फरीश्ता बने मुजीबुल्लाह 1970 से चारबाग स्टेशन पर कुली का काम कर रहे हैं। वह स्टेशन से 6 किमी दूर गुलजार नगर में अपनी बेटी के साथ रहते हैं।
लॉकडाउन के दौरान यहां से वह रोजाना पैदल चलकर स्टेशन तक आते थे और लोगों की मदद कर रहे थे। लोग इस पोस्ट पर मुजीबुल्लाह की खूब जमकर तारीफ कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें: CM शिवराज के नाम खुला पत्र: प्लीज! ‘माखन दादा की बगिया’ को बचा लीजिए
बता दें कि covid-19 की वजह से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नै जैसे बड़े शहरों से अपने-अपने गांव लौट रहे हैं। ट्रेन चलने से पहले ढेरों लोग हजारों मील चलकर अपने-अपने गांव पहुंच रहे हैं।
लॉकडाउन के चलते ऐसे में मुजीबुल्लाह और उनके जैसे हज़ारो तमाम लोग प्रवासी मजदूरों की मदद को आगे आ रहे हैं।