नई दिल्ली: हरिद्वार धर्म संसद में नफ़रती भाषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया जस्टिस एनवी रमना को चिट्ठी लिखी है. सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने सीजेआई से नफ़रती भाषणों पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में हुई साधु संतों की बैठक में देश के संवैधानिक मूल्यों और सांप्रदायिक सौहार्द के ख़िलाफ़ लगातार भाषण हुए. मुसलमानों के विरुद्ध हथियार उठाने तक की बात कही गई थी। हालांकि हरिद्वार धर्म संसद के आय़ोजकों और घृणित भाषण देने वालों का कहना है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया।
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दिल्ली और हरिद्वार में हुई ऐसे धर्म संसद में जातीय नरसंहार का आह्नान तक किया गया था. पत्र में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा है कि पुलिस कार्रवाई न होने पर त्वरित न्यायिक हस्तक्षेप जरूरी हो जाता है, ऐसे में मौजूदा वक्त में ऐसी कार्रवाई बेहद आवश्यक हो जाती है. इस पत्र में दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, सलमान खुर्शीद और पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश जैसे नामचीन वकीलों का भी नाम है।
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दिल्ली और हरिद्वार में हुई ऐसे धर्म संसद में जातीय नरसंहार का आह्नान तक किया गया था. पत्र में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा है कि पुलिस कार्रवाई न होने पर त्वरित न्यायिक हस्तक्षेप जरूरी हो जाता है, ऐसे में मौजूदा वक्त में ऐसी कार्रवाई बेहद आवश्यक हो जाती है. इस पत्र में दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, सलमान खुर्शीद और पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश जैसे नामचीन वकीलों का भी नाम है।
बता दें कि 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में हुई साधु संतों की बैठक में देश के संवैधानिक मूल्यों और सांप्रदायिक सौहार्द के ख़िलाफ़ लगातार भाषण हुए. मुसलमानों के विरुद्ध हथियार उठाने तक की बात कही गई थी।