इंदौर: एक तरफ़ देशभर में कठुआ और उन्नाव गैंगरेप की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी शासित राज्यों में मासूमों से रेप की वारदातों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताज़ा मामला मध्य प्रदेश के इंदौर से आया है। जहां एक साल से भी कम उम्र की बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। घटना राजवाड़ा क्षेत्र की है जहां बच्ची से शुक्रवार तड़के दुष्कर्म किया गया और फिर बिल्डिंग से फेंककर उसकी हत्या कर दी गई।
बच्ची का शव घटनास्थल से कुछ सौ मीटर की दूरी पर एक बिल्डिंग के बेसमेंट में मिला और उसके शरीर और कपड़ों पर खून के धब्बे थे। सूचना मिलते ही पुलिस तुंरत घटनास्थल पर पहुंची। इस मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ़्तार किया है। इस मामले में पुलिसिया लापरवाही भी सामने आई है जिसके चलते सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया है।
एएसआई पर आरोप है कि बच्ची के लापता होने के बाद जब परिजन शुक्रवार सुबह पुलिस थाने पहुंचे तो एएसआई ने यह कहते हुए तत्काल मामला दर्ज करने से मना कर दिया कि दोपहर 12 बजे थाना प्रभारी आयेंगे। इसके बाद ही मामले में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणाचारी मिश्रा के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने देर रात 25 साल के नवी गाडगे को गिरफ्तार कर लिया है जो बच्ची का रिश्तेदार है।
डीआईजी ने बताया कि बच्ची के परिजन गुब्बारे बेचकर गुजारा करते हैं। गुरुवार रात जब वे ऐतिहासिक राजबाड़ा महल के सामने अपने परिवार के साथ खुले में सो रहे थे तभी गाडगे ने बगल में सो रही दुधमुंही बच्ची को अगवा कर लिया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के हवाले से बताया कि अपहरण के बाद आरोपी सोती बच्ची को अपने कंधे पर डालकर निकला, ताकि लोगों को शक ना हो। फिर वह उसे करीब 50 मीटर दूर स्थित वाणिज्यिक इमारत के तलघर में ले गया। बलात्कार के बाद गाडगे ने बच्ची को कुछ फुट ऊंचाई से फेंककर उसकी हत्या कर दी। बच्ची का शव शुक्रवार दोपहर बरामद किया गया।