सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में लैंड यूज बदलने की चुनौती खारिज की
नई दिल्ली 23 नवंबर ।उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उस रिट याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत उपराष्ट्रपति के आवास और अन्य भवनों के प्रस्तावित निर्माण के लिए भूमि के उपयोग के लिए जरूरी कानूनी बदलाव को चुनौती दी गई थी।
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न्यायमूर्ति ए. न्यायमूर्ति एम खानुलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार की खंडपीठ ने पक्षकारों की दलीलों पर विचार करने के बाद याचिका खारिज कर दी।
पीठ ने केंद्र सरकार के इस तर्क से सहमति जताई कि परियोजना के तहत भूमि के इस हिस्से को उपाध्यक्ष का आवासीय क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव सरकार का नीतिगत फैसला है.
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की इस दलील को खारिज कर दिया कि भूमि का वह हिस्सा जिसे पहले परियोजना के तहत मनोरंजन के मैदान के रूप में दिखाया गया था, उसे बरकरार रखा जाना चाहिए।
राजीव सूरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोजेक्ट के तहत प्लॉट नंबर एक के इस्तेमाल को लेकर कानूनी बदलाव को चुनौती दी थी.
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शीर्ष अदालत ने इससे पहले बहु-अरब रुपये की परियोजना से संबंधित एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को पहले सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट से मंजूरी मिल चुकी है।
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उस रिट याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत उपराष्ट्रपति के आवास और अन्य भवनों के प्रस्तावित निर्माण के लिए भूमि के उपयोग के लिए जरूरी कानूनी बदलाव को चुनौती दी गई थी। और आज न्यायमूर्ति ए. न्यायमूर्ति एम खानुलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार की खंडपीठ ने पक्षकारों की दलीलों पर विचार करने के बाद याचिका खारिज कर दी।