लोकसभा चुनाव अब अपने सबसे रोचक मोड़ पर है, अब भारतीय राजनीति के कई बडे दिग्गजों की परीक्षा जनता लेगी। इसी कडी में यूपी के सबसे हाॅट सीट में से एक वाराणसी संसदीय क्षेत्र से कुल 102 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। अंतिम दिन देर रात 11.30 बजे तक पर्चा दाखिला चलता रहा।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होनेे के कारण ऐसे तमाम लोगों ने भी नामांकन किया, जिन्हें चुनाव के बहाने अलग संदेश देना है। इस प्रकार 101 उम्मीदवार मोदी को चुनौती देंगे। वाराणसी संसदीय सीट पर नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को 71 उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए।
इस दौरान कलक्ट्रेट परिसर स्थित नामांकन स्थल रायफल क्लब के आसपास भारी गहमागमी रही। जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह के मुताबिक बनारस संसदीय सीट से कुल 102 उम्मीदवारों ने अलग-अलग सेट में 199 नामांकन पत्र दाखिल किया है। मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 2 मई को नाम वापसी के बाद तय होगा कि बनारस के रण में कितने उम्मीदवार होंगे।
जानकारी के अनुसार अगर नाम वापसी तक यह संख्या 64 तक नहीं पहुंचती तो इस सीट पर बैलट पेपर से मतदान करवाना चुनाव आयोग की मजबूरी होगी. जोकि वाराणसी की जनता और विपक्ष दोनों चाह रही है।
स्थानीय लोगों से बात चीत के दौरान मालूम हुआ कि पीएम मोदी के संसदीय सीट पर कोई विकास का काम नहीं हुआ है और साथ ही साथ पीएम के आदर्श ग्राम की हालत काफी खस्ता बताई जा रही है, जहाँ के नाले सही नहीं है और जाति भेद भाव के मामले सुनने को मिला है।
नामांकन करने वालों में प्रमुख रूप से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय, सपा की शालिनी यादव, प्रख्यात हॉकी खिलाड़ी व पद्मश्री मो. शाहिद की बेटी हिना शाहिद शामिल रही। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अतीक अहमद का पर्चा उनके भतीजे शहनवाज आलम ने दाखिल किया। इसके अलावा तेलंगाना से आए हल्दी किसानों के प्रतिनिधि कुंटा गंगाराम मोहन रेड्डी के साथ कई अन्य किसानों ने पर्चा दाखिल कर सियासत गर्मा दिया है।
मालूम हो कि कांग्रेस प्रत्याशी अपने पर्चा दाखिला के दौरान किया शक्ति प्रदर्शन। जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर, विधानमंडल दल के नेता लल्लू सिंह, प्रदेश महासचिव सतीश चौबे और जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा शामिल थे।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार वाराणसी की जनता किस तरफ जाती है, और बर्खास्त सेना के जवान तेज बहादुर यादव का कैसा प्रदर्शन रहता है।