नई दिल्ली: सीपीआई (एम) नेता प्रकाश करात ने कहा है कि केंद्र की ओर से लाए जा रहे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का राज्य सरकारों को सख्त विरोध करना चाहिए। गुरुवार को उन्होंने कहा, केरल और पश्चिम बंगाल ने इसे लागू करने से मना कर दिया है। केरल और पश्चिम बंगाल अगर अपने वादे पर टिके रहे और इनकी तरह 10 और राज्यों के मुख्यमंत्री एनपीआर के खिलाफ हो जाएं तो केंद्र की ये योजना अभी दफन हो जाएगी।
केरल और पश्चिम बंगाल सरकारों द्वारा अपने-अपने राज्यों में एनपीआर का काम रोकने के आदेश देने का जिक्र करते हुए करात ने कहा, ‘अब तक 12 राज्यों ने घोषणा की है कि वे एनपीआर नहीं होने देंगे। केरल और पश्चिम बंगाल ने जो किया है, दस और मुख्यमंत्रियों को (ऐसा) करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी सरकार संविधान पर त्रिशूल प्रहार करने वाली है।
इस कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि भाजपा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के जरिए देश को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाना चाहती है। चेन्नई में लेफ्ट पार्टियों की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे चिदंबरम ने कहा कि जब से भाजपा बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आई है, तब से ही वह एनपीआर, सीएए और एनआरसी पर केंद्रित है। अगर भारत हिंदू राष्ट्र बनता है तो इससे सिर्फ मुस्लिमों को ही नहीं, बल्कि दलित वर्ग को भी नुकसान होगा।
क्या है एनपीआर
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी।
इसके तहत हर भारतीय नागरिक का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड लिया जाएगा और उनकी वंशावली भी दर्ज की जाएगी।
वैसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा।
एनपीआर को सरकार राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी।
एनपीआर तीन चरणों में तैयार किया जाएगा – पहला चरण एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाए जाएंगे।