आज पटना में विपक्षी एकता बैठक संपन्न हुआ। जिसमे देश के विभिन्न दलों ने शामिल हुए, जिसमे मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी शामिल रही। इस बैठक के बाद सभी दलों ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमे अगली बैठक शिमला में होने की बात कही।
इस बैठक को लेकर लगातार विपक्षी दल बीजेपी एवं सत्ता पक्ष के नेताओ के निशाने पर हैं। पटना में हुई विपक्ष की बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि स्वार्थ का गठबंधन, निशाने पर हिंदुस्तान। वह राजनीतिक दल जो एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, एकत्रित हुए एक ऐसे संकल्प के साथ जो भारत को आर्थिक प्रगति से वंचित करता है… यह राजनीतिक दल जब भी एक साथ आए तब भ्रष्टाचार, परिवारवाद लाए और राष्ट्र की आर्थिक प्रगति को संकुचित करने का अपने संग आरोप लेकर आए।
विपक्षी बैठक को लेकर लगातार निशाना साधने वाले BJP सांसद सुशील कुमार मोदी ने पुनः हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक टाय टाय फिश हो गई क्योंकि इस बैठक में सिर्फ अगली बैठक कब होगी ये तय हुआ है। बैठक से देश की जनता क्या नहीं जानना चाहेगी कि नीतीश कुमार,अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी में से कौन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने वाले हैं। इन लोगों ने तो बाहर भी बोला था कि वो एक साथ लड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पटना की बैठक विपक्ष के लिए दुर्घटना की तरह हो गई है। विपक्ष के पास नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कोई भी नेता नहीं है। विपक्षी दलों का एकत्रीकरण सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के नाम का खौफ है। 2024 में किसी के ऊपर हार का ठीकरा न फूटे इसलिए भी यह लोग साथ आए हैं।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा यह गठबंधन नहीं है यह ठगबंधन है। ऐसी पार्टी साथ आ रही हैं जिनकी कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं है। एक तरफ राहुल गांधी हैं और दूसरी तरफ जे. पी. आंदोलन से उठी पार्टी हैं… जितने भी दल हैं वे सारे अपने राज्य में ही सीमित हैं। मुझे नहीं लगता कि वे अन्य राज्य में कुछ मदद कर पाएगा।