बुलंदशहर हिं#सा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि गाज़ीपुर में भीड़ ने शनिवार को एक और पुलिसकर्मी की जान ले ली। ख़बरों के मुताबिक, यह हिं#सा पीएम मोदी की रैली के बाद भड़की। बताया जा रहा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) और निषाद पार्टी के कार्यकर्ता पीएम मोदी की रैली का विरोध कर रहे थे। विरोध के दौरान कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर दी थी। लेकिन जब पीएम मोदी की रैली के बाद पुलिस ने जाम को खुलवाने की कोशिश की तो कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव शुरु कर दिया।

जिसमें पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने कॉन्स्टेबल की मौत के मामले में 32 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। गाजीपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के कारण राष्ट्रीय निषाद पार्टी के कार्यकर्ता शहर में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे थे जिनको पुलिस प्रशासन ने रोक रखा था। कार्यक्रम ख़त्म होने के बाद जब प्रधानमंत्री शहर से चले गये तब पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शहर में कई जगहों पर जाम लगा दिया और रैली से लौट रहे वाहनों पर पथराव करने लगे। इस जाम को खुलवाने में जिले के थाना करीमुद्दीनपुर में पदस्थ 48 वर्षीय सिपाही सुरेश वत्स भी लगे हुये थे।

पथराव में एक पत्थर सुरेश के सिर में भी लग गया और वह बुरी तरह से जख्मी हो गये। उन्हें तुंरत अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि हिं#सा की आरोपी निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने शनिवार को हुई हिं#सा में किसी तरह की भूमिका से इनकार किया है। निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा, ‘हमारी पार्टी पर लग रहे आरोप बेबुनियाद हैं।

वहीं इस हादसे के बाद कांग्रेस ने सूबे की कानून व्यवस्था पर चिंता जताई है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने ट्विटर के ज़रिए कहा, ‘उत्तर प्रदेश में आए दिन भीड़ की हिंसा में पुलिकर्मियों की मौत चिंता का विषय है। वह भी ठीक उस जगह जहां पीएम मोदी ने रैली की हो। कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाने की जगह पीएम हमारे सिपाहियों की जान बचाने पर ध्यान लगाएं।’