नई दिल्ली। भारत समेत पूरी दुनिया मानती है कि यरूशलम फिलस्तीनियों का है और इस क्षेत्र पर कब्जा करके जायोनी ताकतों ने मानवता पर अपराध किया है। समय आ गया है कि यरूशलम के साथ साथ मस्जिद अक्सा और फिलस्तीन की भूमि इसके मूल निवासियों को लौटाई जाए।
यह बात भारत में सूफ़ी उलेमा के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा ए इस्लाम के संस्थापक अध्यक्ष मुफ़्ती अशफ़ाक़ हुसैन क़ादरी ने कही।
वह दिल्ली के शास्त्री पार्क में क़ादरी मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ के बाद ‘अन्तरराष्ट्रीय क़ुद्स दिवस’ पर हज़ारों लोगों की रैली को संबोधित कर रहे थे। तंज़ीम उलामा ए इस्लाम ने भारत में इस मुद्दे पर कई बार बहुत बड़ी रैलियों का आयोजन किया है।
मुफ़्ती अशफ़ाक़ हुसैन क़ादरी ने कहाकि अरब के तानाशाहों के पैसे और कमजोरी का फायदा उठाकर अमेरिका की शह पर इस्राइल क्षेत्रीय तनाव बढ़ाता आ रहा है। ग्रेटर इस्राइल नीति के तहत कई इस्लामी देश तबाह कर दिए गए और अब यह स्थिति आ गई है कि यह लोग यरूशलम और मस्जिद अक्सा पर भी कब्जा करना चाहते हैं। लेकिन हम हरगिज़ ऐसा होने नहीं देंगे।
इस अवसर पर तंज़ीम के प्रवक्ता कैसर ख़ालिद ने कहाकि मस्जिद अक्सा और फिलस्तीन का इस्लाम से ताल्लुक है और दुनिया के किसी भी हिस्से का मुसलमान यरूशलम पर जुल्म बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने विश्व समुदाय से अपील की कि वह इस्राइल पर दबाव डाले और क्षेत्र को फिलस्तीनियों के पक्ष में स्वतंत्र करे।
मुफ्ती तसलीम रज़ा ख़ाँ ने कहाकि मस्जिद अक्सा इस्लाम के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। यदि कोई भी व्यक्ति मस्जिद अक्सा के लिए आगे आता है तो यह निश्चित ही इस्लाम की सेवा है। उन्होंने कुद्स दिवस के मौक़े पर यरूशलम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहाकि यह शहर इस्लाम का पहला घर है। अब्दुल वाहिद ख़ान ने कहाकि मस्जिद अक्सा मुसलमानों के लिए पहला क़िबला है और इसका नाम क़ुरआन में भी दर्ज है। उन्होंने कहाकि यह मानने में उन्हें कोई हिचकिचाहट नहीं है कि मस्जिद अक्सा की स्वतंत्रता को अरब के तानाशाहों ने ख़तरे में डाला है।
इस मौक़े पर उपस्थित जनसमुदाय ने इस्लाम जिंदाबाद, भारत जिंदाबाद और यरूशलम खाली करो के नारे लगाए। भीषण गर्मी के बावजूद लोगों में ग़ज़ब का उत्साह था और वह कार्यक्रम पूरा होने तक अपने अपने स्थानों पर बैठे रहे। लोगों ने हाथों मे तख्तियाँ ले रखी थीं जिनपर फिलस्तीन की स्वतंत्रता और इस्राइल के सर्वनाश के नारे लिखे थे। लोगों ने भारत सरकार से अपील की कि वह यरूशलम को फिलस्तीन को सौंपे जाने के लिए कूटनीतिक प्रयास करे। इस अवसर पर क़ारी मुहम्मद आलिम रज़ा, हाफ़िज़ सलीम रज़ा, क़ादरी मस्जिद के नायब इमाम हाफ़िज़ जमशेद, क़ारी इस्माईल, क़ारी अब्दुल कय्यूम और ज़ाहिद रज़ा समेत क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण लोगों ने शिरकत की।