दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर में दोपहर 1 से 2 बजे के बीच कोई बदलाव दर्ज नहीं किया गया। दोपहर एक बजे जलस्तर 208.62 मीटर दर्ज किया गया, 2 बजे भी यही स्तर पाया गया। वहीं, बाढ़ का पानी लाल किले तक पहुंच गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में बाढ़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कैबिनेट मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की।
निचले इलाकों में रहने वाले 16 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आईएसबीटी कश्मीरी गेट पर 3 से 4 फीट पानी भरा है। बाढ़ के चलते निगम बोध घाट बंद कर दिया गया है। ‘लोहा पुल’ इलाके में लोग घरों और मंदिर की छतों पर रहने के लिए मजबूर हैं।
दिल्ली डिजास्टर मैनजमेंट अथॉरिटी की मीटिंग में स्कूल-कॉलेजों के साथ-साथ गैर जरूरी ऑफिसों में भी रविवार तक छुट्टी घोषित कर दी गई है, जबकि सभी प्राइवेट दफ्तरों को कहा गया है कि वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दें। इसके अलावा कश्मीरी गेट के आसपास बने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी रविवार तक बंद रखने के लिए कहा गया है। कोई भी अंतर राज्य बस आईएसबीटी तक नहीं आएगी। हालांकि सिंघु बॉर्डर से डीटीसी बसों की सेवाएं आने जाने वालों को दी जाएंगी।
बता दें कि 1978 में दिल्ली में यमुना की बाढ़ ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। इसमें करीब 43 वर्ग किलोमीटर कृषि भूमि जलमग्न होकर बर्बाद हो गई थी। लाखों लोग बेघर हो गए थे। उस समय यमुना के लोहे के पुल पर जलस्तर 207.49 मीटर पहुंच गया था, तब यमुना के किनारों पर पुस्ते नहीं बनाए गए थे। इसके बाद दो बार और यमुना का जलस्तर 207 मीटर के निशान के पार गया है। 2010 (207.11 मीटर) और 2013 (207.32 मीटर) में दिल्ली को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। कश्मीरी गेट तक यमुना का पानी पहुंच गया था।