मोदी सरकार ने नौकरशाही में प्रवेश पाने का अबतक सबसे बड़ा बदलाव कर दिया है. अब बड़े अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा पास करना जरूरी नहीं होगा. प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारी भी सरकार का हिस्सा बन सकते हैं. लैटरल एंट्री की औपचारिक अधिसूचना सरकार की ओर से जारी कर दी गई है
अधिकारी बनने के लिए अब यूपीएससी की परीक्षा पास करना ज़रूरी नहीं होगा.मोदी सरकार ने नौकरशाही में एंट्री के लिए अब तक का सबसे बड़ा बदलाव किया है.अब प्राइवेट कंपनी में काम करनेवाले सीनियर अधिकारी भी सरकार का हिस्सा बन सकते हैं.लैटरल एंट्री के ज़रिए सरकार ने इस योजना को नया रूप दिया
इस पद पर होगी नियुक्ति…
डीओपीटी की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर नियुक्ति होगी. इनका टर्म 3 साल का होगा और अगर अच्छा प्रदर्शन हुआ तो 5 साल तक के लिए इनकी नियुक्ति की जा सकती है.
इन पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम उम्र की सीमा तय नहीं की गई है जबकि न्यूनतम उम्र 40 साल है. पीएम नरेन्द्र मोदी ब्यूरोक्रेसी में लैटरल एंट्री के शुरू से हिमायती रहे हैं.
ज्वाइंट सेक्रेटरी पद के लिए लैटरल एंट्री की शुरुआत
प्राइवेट कंपनी में काम करके बन सकते हैं ज्वाइंट सेक्रेटरी
10 मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए DoPT ने जारी की अधिसूचना
ज्वॉइंट सेक्रेटरी का कार्यकाल 3-5 साल होगा.