नई दिल्ली – भीम आर्मी के संस्थापक एंव युवा समाजिक नेता चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिये जस्टिस सच्चर की सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को आबादी के हिसाब से आरक्षण दिया जाना चाहिये, साथ ही उन्होंने कहा कि जस्टिस सच्चर की सिफारिशो को अभी तक लागू नहीं किया गया है इसे लागू किये जाने की जरूरत है ताकि मुस्लिम समाज का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में अगर पीएम मोदी और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ती हैं तो भीम आर्मी इन दोनो नेताओं को हराने के लिये काम करेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के शिक्षा मंत्री रहते डॉक्टर रोहित वेमूल की संस्थानिक हत्या की गई ऐसे लोगों को हम लोकसभा में घुसने नहीं देंगे। चंद्रशेखर आज़ाद ने दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बीते साल दो अप्रैल को भारत बंद आंदोलन के दौरान बहुजन समाज के लोगों पर सरकार प्रायोजित अत्याचार किया गया अभी तक उत्तर प्रदेश की जेलों में बहुजन समाज के लोग बंद हैं जिन पर रासुका लगाया हुआ है, ये गिरफ्तारियां दो अप्रैल के भारत बंद के बाद की गईं थीं।

उन्होंने कहा कि हम ऐसी सरकार को बर्दाश्त नहीं करेंगे और आगामी लोकसभा चुनाव में इसे सत्ता से बाहर करेंगे। चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद एक भी वादा पूरा नहीं किया, न 15 लाख रूपये खाते में आए और न ही दो करोड़ युवाओं को प्रति वर्ष रोजगार दिया गया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते लगातार सरहद पर सेना के जवान शहीद होते रहे हैं, राफेल से जुड़ीं काग़ज़ात चोरी हो रहे हैं, यह बताता है कि चौकीदार सिर्फ चोर ही नही है बल्कि कमज़ोर और नाकार भी है। ऐसे लोगों को लोकसभा में बैठने का कोई अधिकार नही है। यह पूछे जाने पर कि क्या वे खुद नरेन्द्र मोदी के सामने चुनावी मैदान में उतरेंगे इस पर चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि भीम आर्मी राजनीतिक दल नही है अगर मोदी और स्मृति के सामने गठबंधन का प्रत्याशी इन दोनों को हराने में सक्षम होगा तो गठबंधन के प्रत्याशी का समर्थन किया जाएगा, नहीं तो भीम आर्मी अपना प्रत्याशी उतारेगी और गठबंधन से समर्थन लेकर इन दोनो नाकार लोगों को लोकसभा में जाने से रोकेगी। भीम आर्म की इस प्रेस कांफ्रेंस को नेशनल स्पीक न्यूज़ पोर्टल के संपादक वसीम अकरम त्यागी ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश में दलित, ट्राइबल और मुस्लिम उत्पीड़न का कुचक्र चला रही है। समय आ गया है कि इस साल के लोक सभा चुनाव में इस निर्मम और भ्रष्ट तंत्र से निजात पा ली जाए। वसीम त्यागी ने कहा कि ऊना और संजली कि मुक़दमे में आरोपितों को बचाने से लेकर एक के बाद एक दलित उत्पीड़न में संलिप्त भाजपा आरएसएस के लोगों की भागिड़ाती से यह साबित हो गया है कि यह मनुवादी सिस्टम दलित, ट्राइबल, पिछड़े और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और शोषण कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में 13 पॉइंट रोस्टर को सरकार की सहमति और त्वरित भर्ती, सवर्णो को ग़ैर संवैधानिक 10% आरक्षण और 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के बाद एससी/एसटी वर्ग के लोगों को उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में सरकारें और स्थानीय पुलिस झूठे मुकदमे में जैसे फंसा रही है, यह साबित करने के लिए काफी है कि कैसे भाजपा दलितों पर योजनाबद्ध अत्याचार कर रही है।

वसीम अकरम त्यागी ने कहा कि पुलिस निर्दोष लोगों को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए घरों से निकाल कर मारपीट कर रही है. इससे दलितों में गुस्सा और असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। कमोबेश यही हाल मुसलमानों का है। गाय आतंवादियों ने अब तक दर्जनों मुसलमानों का क़त्ल कर दिया है और भाजपा संघ के हाथ मुसलमानों के खून में डूबे हुए हैं। इस युवा पत्रकार ने कहा कि उत्तर पूर्व के ट्राइबल पर ज़बरदस्ती अन्य समुदायों को थोपकर केंद्र की भाजपा सरकार ने अरुणाचल प्रदेश, आसाम, मिज़ोरम और मेघालय में हालात खराब किए। पुलिस ने राजधानी ईटानगर में गोली चलाकर 3 ट्राइबल को मार डाला। यह साबित करता है कि यह सरकार दलित, ट्राइबल,मुस्लिम और अल्पसंख्यक विरोधी है। इसका समुचित जवाब 2019 के चुनाव में दिया जाएगा।