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बिहार के भागलपुर में रामनवमी के दिन हुए दंगों में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत को बेल मिल गई है। इससे पहले जमानत याचिका भालगपुर कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इससे पहले कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज की थी। अरिजीत शाश्वत ने पटना के हनुमान मंदिर के पास सरेन्डर किया था।
गिरफ्तारी के दौरान अरिजीत ने बताया था, ”मैं किसी दवाब में नहीं था. मैं हनुमान मंदिर प्रणाम करने आया था और इसके बाद मैंने यहीं पर सरेंडर किया। कोर्ट की ओर से मेरी अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज करने की खबर मिलने के बाद मुझे लगा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए।
उन्हें भागलपुर कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायीक हिरासत में भेज दिया गया। बता दें कि अरिजीत शाश्वत चौबे पर 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में बिना प्रशासन की इजाजत के शोभायात्रा निकालने के साथ दंगा भड़काने का भी आरोप पुलिस ने लगाया है। हालांकि अर्जित की तरफ कहा गया कि उन्होंने प्रशासन को इजाजत देने के लिए आवेदन दिया था लेकिन प्रशासन ने उस पर कोई जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि घटना उनके उस स्थान से जाने के डेढ घंटे बाद घटी। प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए उन्हें बलि का बकरा बना रहा है। अर्जित शाश्वत भागलपुर के नाथनगर इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के मामले में अभियुक्त हैं और उनकी गिरफ़्तारी के लिए अदालत ने 24 मार्च को वारंट जारी किया था।