महाराष्ट्र NCP में मचा सियासी बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। सोमवार दोपहर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया है। शरद पवार के इस वार के बाद अजित पवार गुट ने पलटवार किया है।
NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि सुनील तटकरे को पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करने का अधिकार होगा। प्रफुल्ल ने खुद को कार्यकारी अध्यक्ष बताया है। इसके साथ ही एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि अनिल भाईदास पाटिल को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी का मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) नियुक्त किया गया। यह फैसला प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को शरद पवार के एनसीपी से हटाए जाने के कुछ ही देर बाद आया है।
हाल ही में जयंत पाटिल ने कहा था कि विधानसभा में हमारी पार्टी के 53 विधायक हैं, जिनमें से 9 छोड़कर गए हैं लेकिन बाकी हमारे साथ हैं। लेकिन अजीत पवार के साथ बीजेपी और शिंदे खेमे से हाथ मिलाने वाले गुट का कहना है कि वही असली एनसीपी हैं और उनके साथ पार्टी के सभी विधायक हैं।
सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा था कि सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल ने 2 जुलाई को पार्टी संविधान और नियमों का सीधा उल्लंघन किया, जो पार्टी की सदस्यता से परित्याग और अयोग्यता के समान था। इसीलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए। सुप्रिया सुले ने कहा, मैं शरद पवार से अनुरोध करती हूं कि वे तत्काल कार्रवाई करें और सक्षम प्राधिकारी के समक्ष संसद सदस्यों के खिलाफ भारत के संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता याचिका दायर करें।