जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जवानों पर हुए आत्म!घाती हमले के बाद देश में शोक और आक्रोश का माहौल है। कुछ लोग सड़कों पर उतरकर तो कुछ लोग अपनी कलम से इस हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को सबक़ सिखाने के लिए बड़ी कार्रवाई की जाए। सरकार भी आश्वासन देते हुए पाकिस्तान के दांत खट्टे करने की बात कर रही है। लेकिन फिलहाल अभी तक ऐसी कोई कार्रवाई होती नज़र नहीं आ रही। ऐसे में अब दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद किया जाने लगा है। जिन्होंने अपने शासनकाल में कई बार पाकिस्तान के दांत खट्टे किए थे। पूर्व आईपीएस ध्रुव गुप्त ने इस स्थिति से निपटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ज़रूरत को महसूस किया है।

उन्होंने फेसबुक के ज़रिए कहा- “सरकार किसी भी दल की हो, कश्मीर को कत्लगाह में तब्दील कर डालने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाना उनके बस की बात नहीं रही है। इसके लिए इंदिरा गांधी जैसी एक दबंग नेता की ज़रूरत है जो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कहीं नहीं दिखता”। ध्रुव गुप्त का पूरा लेख पढ़ें- दिमाग भले आई.एस.आई और पाकिस्तान में बैठे आ!तंक के आक़ाओं के हों, आतंक को ज़मीन पर उतारने वाले हमारे अपने ही देश के युवा हैं। घाटी में सक्रिय ज्यादातर आतंकी कश्मीरी हैं। आतं!कियों के समर्थन में सुरक्षा बलों पर पत्थर चलाने वाले भी कश्मीरी हैं। अलगाववाद का समर्थन करने वाले, पाकिस्तान के पैसे से आ!तंक और भारत विरोधी गतिविधियों का प्रत्यक्ष या परोक्ष संचालन करने वाले और हाथों में पाकिस्तानी झंडे देकर पत्थरबाजों की फौज खड़ी करने वाले हुर्रियत के तमाम लोग कश्मीरी हैं। पिछले तीन दशकों का अनुभव बताता है कि सरकार किसी भी दल की हो, कश्मीर को कत्लगाह में तब्दील कर डालने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाना उनके बस की बात नहीं रही है।

इसके लिए इंदिरा गांधी जैसी एक दबंग नेता की ज़रूरत है जो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कहीं नहीं दिखता। हां, हमारी सरकार यदि चाहे तो अपना घर ज़रूर ठीक कर दे सकती है। अगर कश्मीर घाटी में आतं!कियों के ख़ात्मे का अभियान जारी रखने के अलावा हुर्रियत के सभी गुटों को प्रतिबंधित करने के बाद उनके तमाम नेताओं के खिलाफ देश!द्रोह का मुकदमा दर्ज़ कर सरकार उन्हें देश के दूरदराज के जेलों में डाल सके तो घाटी की अस्सी प्रतिशत समस्या का फ़ौरी समाधान संभव है। क्या अपनी सरकार से हम इतनी भी उम्मीद नहीं करें? पुलवामा में शहीद सभी जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि!