दिल्ली के ओल्ड रेलवे ब्रिजपर यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। शुक्रवार सुबह 9 बजे के आसपास जलस्तर 208.40 मीटर दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग ने पूर्वानुमान जताया था कि शुक्रवार सुबह 3 बजे तक मामूली सुधार की उम्मीद है और पुराने रेलवे ब्रिज पर स्तर 208.45 मीटर तक गिरने की उम्मीद है। यह अभी भी नदी के खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर होगा।
बताया जा रहा है कि यमुना के जलस्तर में 17 सेंटीमीटर की गिरावट आई है। हालांकि, मौसम विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाके (जाफरपुर, नजफगढ़, द्वारका, पालम, आईजीआई एयरपोर्ट, आयानगर, डेरामंडी) और एनसीआर (गुरुग्राम), गोहाना, सोनीपत में हल्की बारिश की संभावना जताई है। माना जा रहा है कि अगर इन इलाकों में बारिश हुई, तो दिल्लीवासियों की परेशानी और बढ़ सकती है।
दिल्ली का सिविल लाइंस, यमुना बाजार, निगम बोध घाट, मोनेस्ट्री मार्केट, मजनू का टीला, वजीराबाद, गीता कॉलोनी और शाहदरा बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। लाल किले तक भी यमुना का पानी पहुंच गया है। निचले इलाकों से लोगों को निकाला गया है।
दिल्ली में पानी की कटौती पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाढ़ आने की वजह से यमुना का पानी पंप रूम, मशीन में आ गया है। अगर हम प्लांट को चलाएंगे तो उनमें करंट आएगा। जब तक पानी का स्तर कम नहीं होगा और पानी के स्तर कम होने के 24 घंटे बाद भी हम मशीन नहीं चला सकते क्योंकि मशीनों को सुखाने में भी समय लगेगा।
सीएम खट्टर ने कहा, वहां से पानी छोड़ने के बाद सबसे पहले हरियाणा खुद प्रभावित हुआ है। हमारे कुछ ज़िलों के बाद दिल्ली आता है। इससे हम खुद प्रभावित हैं। उन्हें इस प्रकार का विषय नहीं रखना चाहिए कि पानी ज्यादा छोड़ा गया है। खास बात है कि दिल्ली में यमुना में आए उफान की बड़ी वजह हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने को माना जा रहा था। सीएम केजरीवाल हरियाणा सरकार से पानी नहीं छोड़ने की अपील कर रहे थे।