दिल्ली में स्थापित साहित्यिक संगठन सुख़नगोई की ओर से कल न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित कम्युनिटी सेंटर पर आंगन ए अदब के शीर्षक से एक नशिस्त का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत शायर एवं पत्रकार बिस्मिल आरफ़ी, हिन्द न्यूज़ के संस्थापक अब्दुल माजीद निज़ामी और सुख़नगोई की संस्थापक सलीमा आरिफ़ के शम्मा रौशन करने के साथ हुई।
सलीमा आरिफ़ ने सुख़नगोई का उद्देश्य और परिचय अतिथियों के सामने रखा. उन्होंने कहा के मुलतः सुख़नगोई का उद्देश्य साहित्य एवं कला से जुड़े नए लिखने वालों और पढ़ने वालों को अवाम के सामने लाना है और नए लिखने वाले युवाओं को प्लेटफ़ॉर्म मुहैय्या करवाना है।
सबसे पहले कुछ दिनों पहले एक कार हादसे में अपनों को छोड़ गए दो साहित्य प्रेमी “माय बुक्स प्रकाशन” के निर्देशक मूलचंद चौहान एवं कवि शशांक शुक्ला “बाज़” को श्रद्धांजलि दी गयी।
तमाम उपस्थित आतिथियों एवं पूरी टीम सुख़नगोई ने दोनों परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
आंगन ए अदब के मंच का संचालन टीम सुख़नगोई के फ़र्रह शकेब ने संभाला !
उसके बाद कवियत्री अनुपम ने बहुत बेहतरीन अंदाज़ में आधी आबादी का प्रतिनिधत्व करते हुए एक कविता सुनाई.
हम लड़कियां बड़ी हो रही थीं
अपने छोटे से गाँव में।
उसके बाद कवि पुरु खन्ना “वाहिद ने अपनी ग़ज़ल सुनाई
दहशत नफ़रत सरहद मज़हब शामिल थे
मेरे क़त्ल में ये सब के सब शामिल थे।।
उसके बाद कवि आज़िन इरशाद ने अपनी ग़ज़लों से माहौल को खुशनुमा बनाया,
पानी को तुम दरिया ख़ातिर छोड़ो यारों
अश्क़ों से आँखें धोने का अलग मज़ा है
इसके बाद सलीमा आरिफ़ ने अपना कलाम सामईन को सुनाया,
तुम्हारी ख़ामोश पसंदीदगी और मेरा कभी चुप ना बैठना
तुम्हारी शेल्फ से राही मासूम रज़ा का झाँकता चेहरा
मुझे मेरे स्कूल टीचर के याद दिलाता था
जो टीचर कम, नेता ज़्यादा थे, “रागदरबारी” के वेदजी की तरह।
कवि अज़हर हाशमी सबक़त ने दिवंगत कवि शशांक शुक्ला बाज़ को अपने कलाम से श्रद्धांजलि दी
यूं जो ख़ामोश है सदा ए बाज़
कितनी ज़ालिम है ये अदा ए बाज़
अंत मे गोष्टी की अध्यक्षता कर रहे कवि सह पत्रकार बिस्मिल आरफ़ी ने सुखनगोई से जुड़े तमाम युवाओं की हौसला अफ़ज़ाई करते हुए कहा के वो लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं और अपने आने वाले कार्यक्रमों में वो सुख़नगोई से जुड़े युवाओं को भी बड़े कार्यक्रमों में अवसर प्रदान करने में सहयोग करेंगे
प्रोग्राम को आयोजित करने में स्पाइस आंगन रेस्टुरेंट का सहयोग रहा।
स्पाइस आंगन के प्रोपराइटर रोहन गुप्ता ने कहा के वो सदैव ऐसे कार्यक्रमों में सहयोग करेंगे और सुखनगोई के ईद महफ़िल की कामयाबी के मुबारकबाद दी।
अपनी कविता और ग़ज़लें सुनाने वालों में जन्नत फ़ारूक़ी, सालिम इफ़्तेख़ार, अमन अब्बास, शहबाज़ कैफ़ी इत्यादि भी उपस्थित रहे,
कार्यक्रम की व्यवस्था में टीम सुख़नगोई की सुगन्धा राज, फर्रह शकेब एवं शमशाद आलम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।