तमिलनाडु के विद्युत मंत्री की गिरफ्तारी का मामला लगातार गर्माता जा रहा है। डीएमके नेता इसे साजिश बता रहे है, डीएमके के नेताओं का आरोप है कि बालाजी ने अपने परिसरों पर छापेमारी के बाद बेचैनी की शिकायत की थी। राज्य के मंत्री पीके सेकर बाबू ने कहा कि बालाजी की हालत देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें टॉर्चर किया गया हो। तो वहीं भाजपा नेता सेंथिल के अस्पताल में भर्ती होने को पार्टी का ड्रामा कह रहे हैं।
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि जिस दिन प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ़्तार किया,उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। यह प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत है। हमने एक महीने पहले तमिलनाडु के राज्यपाल को ज्ञापन दिया है कि सेंथिल बालाजी को मंत्री पद से हटाया जाए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का अहंकार है कि उन्होंने उन्हें(सेंथिल बालाजी) रखा हुआ है, इसके बावजूद कि सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सेंथिल बालाजी के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के निर्देश दिए हैं। भारत में ऐसा कोई दूसरा मामला नहीं है।
तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टी. आर. बी. राजा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कायरतापूर्ण हरकत है और वह इससे बाहर निकलेंगे। हमारे मुख्यमंत्री भी उनके साथ खड़े हैं। 2024 में भारत के लोग भाजपा को अच्छा सबक सिखाएंगे। भारत की जनता यह सब अच्छे से देख रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की देर रात गिरफ्तारी हुई, वे कहीं भागने वाले नहीं थे। वे मुंह छिपाने वाले आदमी नहीं हैं। अगर कोई गलती हुई है तो आप सुबह भी आकर जांच कर सकते थे। इस घटना की में कड़ी निंदा करता हूं। भाजपा डराने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार डरकर परेशान कर रही है। एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
ईडी द्वारा तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किये जाने पर एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, मुझे बिलकुल भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि 95% सीबीआई और ईडी के मामले विपक्षी दलों के ख़िलाफ़ है। मैं संस्थानों को दोष नहीं दूंगी, क्योंकि संस्थान खुद से कोई कार्रवाई नहीं करते उन संस्थान के पीछे कोई बड़ी शक्ति है, जो यह सब करवा रही है। वे एक प्यादों को तरह इस्तेमाल किए जा रहे हैं।