अंग्रेज़ी न्यूज़ पेपर नेशनल हेरल्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में ख़ुलासा किया है कि जज बीएच लोया की मौत के तीन महीने बाद मार्च 2015 में अमित शाह, सीबीआई वकील और मौजूदा हाई कोर्ट जज, जो अभी सोहराबुद्दीन मामले में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई कर रहे हैं, नागपुर के रवि भवन में ठहरे थे।
खबरों के मुताबिक, रवि भवन वही राज्य अतिथि-गृह है जहां हार्ट अटैक आने के वक्त जज लोया ठहरे हुए थे। यहीं से उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां 1 दिसंबर 2014 को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बता दें कि अपनी मौत से पहले जज लोया सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आरोपी थे। जज लोया के बाद मामले की सुनवाई करने वाले जज द्वारा उन्हें निर्दोष घोषित किए जाने के ढाई महीने बाद अमित शाह भी रवि भवन में ठहरे थे।
नेशनल हेरल्ड को मार्च 2015 का रवि भवन का जो गेस्ट रजिस्टर मिला है वह दिखाता है कि अमित शाह उसी समय वहां ठहरे थे जब एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सी सिंह वहां ठहरे थे। सिंह फिलहाल सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई में सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
उसी वक्त वहां जस्टिस एन डब्ल्यू सांबरे भी ठहरे हुए थे। फिलहाल वह सोहराबुद्दीन मामले में कई आईपीएस अधिकारियों को आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई कर रहे हैं। रवि भवन के रजिस्टर के मुताबिक, शाह, सिंह और सांबरे रवि भवन में 13-14 मार्च, 2015 को एक ही समय में ठहरे थे।
अमित शाह 12 मार्च से 15 मार्च, 2015 तक रवि भवन में ठहरे; अनिल सिंह और जज सांबरे दोनों एक दिन के लिए ठहरे। वे 13 मार्च को आए और 14 मार्च को चले गए। अब सवाल यह उठता है क्या एक केस से जुड़े तीन लोगों का एक वक्त में एक जगह ठहरना महेज़ संयोग है या फ़िर साजिश। बहरहाल इस केस में संयोगों का एक सिलसिला है और अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका है।