नई दिल्ली: देश में असहिष्णुता के हालात बने हुए हैं, इस समय देश को तोड़ने की ताक़तें भी सक्रिय हैं जो इस कोशिश में हैं कि हिन्दू और मुसलमान के बीच में लड़ाई झगड़ा लगवाने की साज़िश रच रहे हैं। पश्चिम बंगाल के वर्दमान से कुछ इसी तरह की ख़बर सामने आई है, जिसमें एक नेत्रहीन मुस्लिम दंपति से जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ और ‘जय माँ तारा’ के नारे लगाने को मजबूर किया गया है। इस दंपति के साथ की गई इस हरकत की सोशल मीडिया पर काफी निंदा की जा रही है।
इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए आल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असद उद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है कि ऐसे तत्व जो मासूम लोगों से ज़बरदस्ती ‘जय श्री राम’ का नारा लगवा रहे हैं वो असल में राम के भक्त नहीं दुश्मन हैं। ओवैसी के इस बयान की सामजिक हलकों में सराहना की जा रही है। हाल ही में एक मुस्लिम नेत्रहीन दम्पति से ज़बरदस्ती ‘जय श्री राम’ बुलवाने की कोशिश की गयी, साथ ही ‘जय माँ तारा’ बोलने को भी मजबूर किया गया.
वहीँ 67 साल के अबुल बशर के साथ हुई इस घटना के बाद वो कहते हैं कि मैं एक मुस्लिम हूँ और मेरी ग़लती सिर्फ़ इतनी है कि मैं हिंदू-बहुल इलाके में चला गया था
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें देखा जा सकता है की नेत्रहीन भिखारी युगल अबुल बशर (67) और उनकी पत्नी बेदाना बीबी (61) को लगातार गुजारिश कर रहे हैं कि वे नेत्रहीन विकलांग हैं, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी। ओम लिखे भगवा झंडे पकड़े हुए बशर जय श्री राम और जय माँ तारा का नारा लगाते दिख रहे हैं।