मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे में तीन किसानों की मौत हुई है, जिनमें से दो किसानों ने क़र्ज़ से परेशान होकर आत्महत्या की है, जबकि एक किसान की कृषि उपज मंडी में कथित अव्यवस्थाओं के चलते मौत हुई है.गौरतलब है कि क़र्ज़ माफ़ी, अपनी उपजों के वाजिब दाम एवं अन्य मांगों को लेकर किसानों का 10 दिवसीय देशव्यापी ‘गांव बंद आंदोलन’ मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में एक जून से जारी है.किसान आंदोलन के दूसरे दिन दो जून को वाम संगठनों से जुड़ी ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार किसानों के जारी 10 दिन के प्रदर्शन के प्रति नकारात्मक रवैया अपना रही है. इसने कहा कि पांच जून से आंदोलन तेज़ किया जाएगा. वहीं किसानों द्वारा आपूर्ति रोक दिए जाने की वजह से हरियाणा और पंजाब के कई शहरों में सब्ज़ियों का खुदरा मूल्य 10 से 20 रुपये प्रति किग्रा बढ़ गया है.इस बीच मध्य प्रदेश में क़र्ज़ से परेशान एक-एक किसान ने बालाघाट एवं शाजापुर ज़िलों में खुदकुशी की है, जबकि सिवनी जिले की सिमरिया कृषि उपज मंडी में कथित अव्यवस्थाओं के चलते चना बेचने आए एक किसान ने दम तोड़ा है.
बालाघाट ज़िले के वारासिवनी पुलिस थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ठाकुर ने शनिवार को बताया, ‘बालाघाट मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर ग्राम कोस्ते निवासी कृषक छन्नुलाल बोपचे (70) ने शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली.’उन्होंने कहा कि मृतक के भतीजे राहुल बोपचे ने बताया कि छन्नुलाल पर बैंकों का 1,50,500 रुपये का क़र्ज़ था. वह क़र्ज़ चुका नहीं पा रहा था. इसके अलावा उसकी फसल ख़राब हो गई थी, जिससे परेशान होकर उसने ज़हर पी लिया. उसे उपचार के लिए बालाघाट जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया, जहां दो जून को तड़के उसकी मृत्यु हो गई.
उन्होंने बताया कि दूसरी ओर शाजापुर ज़िला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर स्थिति शुजालपुर तहसील के ग्राम ऊगली में किसान गोरधन अहिरवार (60) का शव दो जून की सुबह कुएं में तैरता हुआ पाया गया है.मृतक किसान के पुत्र सीताराम अहिरवार ने कहा, ‘मेरे पिताजी का शव शनिवार सवेरे लगभग 10 बजे हमारे ही कुएं में पाया गया. मेरे पिताजी पर सोसायटी के 2 लाख रुपये क़र्ज़ था. वह उसे चुका नहीं पाने के कारण परेशान रहते थे.’शुजालपुर सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आरपी जायसवाल ने कहा, ‘किसान गोरधन का शव पाया गया है. उसने किस कारण आत्महत्या की, उसकी जांच करवाई जा रही है.’इसी बीच, सिवनी ज़िला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर सिमरिया कृषि उपज मंडी में चना बेचने आए 48 वर्षीय किसान सोहनलाल अहरवाल की शुक्रवार को मौत हो गई.मृतक किसान के भाई मुन्नीलाल अहरवाल ने आरोप लगाया है कि मंडी में कथित अव्यवस्थाओं के चलते उसकी मौत हुई है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है.
मुन्नीलाल ने बताया, ‘शुक्रवार दोपहर विकासखंड कुरई के सिंदरिया गांव निवासी सोहनलाल अहरवाल कृषि उपज मंडी सिमरिया करीब 60 क्विंटल चना लेकर आया था. मंडी में हमाल न मिलने पर किसान सोहनलाल को चिलचिलाती धूप में स्वयं ट्रैक्टर से चना उतारना पड़ा और तौलने के लिए समिति की बोरियां में भरना पड़ा, जिसके चलते एकाएक उसके पेट व सीने में असहनीय दर्द शुरू हो गया.’मुन्नीलाल का आरोप है कि अव्यवस्था के बीच मंडी में दर्द से तड़पते सोहनलाल को अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन तक नहीं मिला. बाद में मौके पर पहुंचे बेटे संजय अहरवाल ने चिलचिलाती धूप में तड़पते पिता को मोटरसाइकिल से सिवनी ज़िला अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.परिजनों का आरोप है कि पूरी तरह स्वस्थ किसान की सदमे से मौत हुई है.वहीं, इस संबंध में सिवनी कलेक्टर गोपालचंद डाड ने कहा, ‘किसान को सीने में दर्द हुआ था. हार्ट अटैक से उसकी मौत हुई है.’ डाड ने बताया कि किसान शुक्रवार को ही चना लेकर कृषि मंडी आया था. अनाज खरीदी में किसी तरह की देरी नहीं हुई है.
मालूम हो कि किसान एकता मंच और राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले किसानों ने एक जून से 10 जून तक आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है.किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए. कृषि ऋण माफ किया जाए, किसानों को उसकी फसल का लागत मूल्य में लाभ जोड़ कर दिया जाए. किसानों की जमीन कुर्क के जो नोटिस भेजे गए हैं वो वापस लिए जाएं.