यमुना नदी के जलस्तर में लगातार दूसरे दिन 40 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई है। इसके बाद जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है। जबकि अभी और जलस्तर घटने की संभावना हैं।
हथिनीकुंड बैराज से हजारों क्यूसेक पानी भी छोड़ा गया है। लेकिन, अभी दिल्ली के निचले क्षेत्र के लोगों की चिंता कम नहीं हुई है। वहीं, केंद्रीय जल आयोग की टीम ने भी ब्रिज पर पहुंचकर निरीक्षण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में वर्षा के चलते हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में निरंतर पानी छोड़ा जा रहा है। अभी तक यमुना में एक साथ छोड़े गए पानी की सर्वाधिक मात्रा 3,20,893 क्यूसेक रही है, जिस कारण यमुना ब्रिज पर जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था।
यमुना नदी के तेज बहाव के कारण UP सहपत गांव में तटबंध भी क्षतिग्रस्त हो गया था। जहां कड़ी मशक्कत के बाद पानी की रोकथाम कराते हुए तटबंध की मरम्मत कराई गई थी। इसके अलावा हजारों बीघा फसलें बर्बाद हो चुकी है। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़े वाले पानी की मात्रा लाखों से घटकर हजारों क्यूसेक में आने के बाद एक दिन पूर्व जलस्तर में 55 सेंटीमीटर की गिरावट आई थी। शुक्रवार को भी जलस्तर 40 सेंटीमीटर घट गया। शुक्रवार शाम करीब चार बजे यमुना ब्रिज पर सूचकांक पर बहाव 231.30 मीटर रिकॉर्ड किया गया।
खतरे का निशान 231.50 मीटर पर है। जलस्तर में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन खादर क्षेत्र के लोगों की चिंता कम नहीं हुई है, क्योंकि पानी तटबंध तक मिला हुआ है तथा किसानों के यमुना किनारों के खेत पानी से भरे खड़े हैं। ड्रेनेज विभाग के जेई अशोक कुमार ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में शुक्रवार सुबह सात बजे 54673 क्यूसेक, आठ बजे 53398 क्यूसेक, दस बजे 52042 क्यूसेक, 11 बजे 54554 क्यूसेक, दोपहर एक बजे 43829 क्यूसेक व तीन बजे 47485 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया है।
वहीं, केंद्रीय जल आयोग के जेई रोहित कुमार के नेतृत्व में टीम भी यमुना ब्रिज पर पहुंची। जहां टीम द्वारा मशीन से यमुना नदी में प्रवाहित पानी की तीव्रता की जांच की। यमुना नदी किनारे पर शिवभक्तों द्वारा स्नान भी किया जा रहा है, जिनकी सुरक्षा को लेकर फ्लड पीएसी के जवान व गोताखोर तैनात किए गए हैं।