2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें से भी राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं। इन चुनावों को लोकसभा का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में हम दलितों, आदिवासियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों का हर स्तर पर हो रहे शोषण, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर हम आने वाले विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ेगी।
आगे उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से भाजपा और कांग्रेस में इस मुद्दे पर काफी प्रमुखता से लड़ाई चल रही है कि इन दोनों में कौन बड़ा हिंदुत्ववादी व हिंदू भक्त है और पूजा पाठ करने में माहिर है। इससे ये स्पष्ट होता है कि हिंदू धर्म को छोड़कर बाकी सभी धर्मों की दोनों पार्टियां उपेक्षा कर रही हैं।
मायावती ने इसी के साथ अपने भतीजे आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी दी है। आकाश आनंद को राज्य विधानसभा के लिए को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है मायावती का विरोधी दलों पर हमला तेज हो गया है। हालांकि सियासी गलियारों में इस बात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं कि आखिर बीएसपी प्रमुख मावावती पिछले कुछ चुनाव से उस अंदाज में सियासी सक्रियता क्यों नहीं दिखा रही हैं जिसके लिए वह जानी जाती हैं।