अमिताभ बच्चन ने बीते 31 मई को भारत में कुपोषण की समस्या से लड़ने के लिए ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के ब्रांड हॉर्लिक्स से खुद के जुड़ने की बात तीन बार ट्वीट की. उन्होंने लिखा, ‘मैं कुपोषण से लड़ने के इस अभियान के लिए पहला कदम बढ़ाने जा रहा हूं.’उन्होंने अपने ट्वीट में हॉर्लिक्स, मीडिया समूह नेटवर्क 18, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय मेनका गांधी, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और भारत सरकार के कार्यक्रम पोषण अभियान को टैग किया. अमिताभ के इन ट्वीट्स की वजह से कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने उन्हें सलाह दी है कि वो खुद को हॉर्लिक्स से अलग कर लें क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा ज्यादा होती है और इसकी क़ीमत भी अधिक है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अगर अमिताभ बच्चन की बात मानकर लोग हॉर्लिक्स लेना शुरू कर देते हैं तो इससे कम आय वाले परिवारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
अमिताभ के इन ट्वीट्स की वजह से कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने उन्हें सलाह दी है कि वो खुद को हॉर्लिक्स से अलग कर लें क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा ज्यादा होती है और इसकी क़ीमत भी अधिक है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अगर अमिताभ बच्चन की बात मानकर लोग हॉर्लिक्स लेना शुरू कर देते हैं तो इससे कम आय वाले परिवारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. स्वस्थ खाद्य पदार्थों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाने वाले डॉक्टर असीम मल्होत्रा का कहना है, ‘हॉर्लिक्स के साथ अमिताभ बच्चन का जुड़ाव नुकसानदायक हो सकता है. चीनी में कोई पोषक पदार्थ नहीं होते हैं. यह मोटापे की मुख्य वजह बनती है. इसकी वजह से टाइप 2 डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और लीवर में फैट बढ़ने के खतरे रहते हैं.’