अग्निपथ स्कीम के तहत भारतीय सेना में भर्ती हुए अग्निवीर के पहले बैच की ट्रेनिंग खत्म हो चुकी है और दूसरे बैच की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। अगले महीने पहला बैच भारतीय सेना की अलग-अलग यूनिट में शामिल हो जाएगा। हालांकि, ट्रेनिंग के दौरान ही कई युवा बीच में चले गए हैं। हालांकि, अलग-अलग वजहों का हवाला देकर सेना को अलविदा कहने वाले युवाओं पर अब कार्रवाई भी हो सकती है और उनसे ट्रेनिंग में खर्च हुई रकम भी वसूली जाएगी।
कांग्रेस भी अग्निपथ योजना के बहाने बीजेपी सरकार पर निशाना साधने में पीछे नहीं रही। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का ट्वीट मीडिया रिपोर्ट में छपी खबरों के बाद आया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अग्निवीर के रूप में शामिल होने वाले युवा ट्रेनिंग पूरी होने से पहले छोड़ रहे हैं। उन्होंने आगे ट्वीट में लिखा कि पहले सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना युवाओं का सपना होता था। युवाओं के संकल्प की इज्जत करते हुए उन्हें बेहतर सुविधाएं और नौकरी की सुरक्षा दी जाती थी।
इससे पहले स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र ने भी इस पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि मोदी सरकार अपने शुरुआती दिनों से ही सेना के साथ खिलवाड़ करने में लगी हुई है। पहले सेना के एक सुदृढ़ ढांचे को उसने ध्वस्त करने की कोशिश की और अग्निवीर स्कीम ले आए। अब अग्निवीरों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ करने पर तुले हैं। मालूम नहीं क्या करके दम लेंगे ये! दुःखद!
बता दें कि अग्निवीर की ट्रेनिंग छह महीने की है, जिसके बाद सेना का हिस्सा बन जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अग्निवीर भर्ती नियम में अभी तक ऐसा कोई नियम नहीं है कि जो युवा अग्निवीर की ट्रेनिंग बीच में छोड़कर जाते हैं उन्हें क्या रोका जा सकता है।
सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, अफसरों की ट्रेनिंग में यह नियम है कि अगर ट्रेनी बीच में छोड़कर जाते हैं तो उनसे तब तक उन पर किया गया खर्चा वसूला जाता है। इसी तरह का विचार अग्निवीर के मामले में भी किया जा रहा है।