बिहार के कटिहार में पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई है। कुछ लोग घायल भी हो गए हैं। असल में बिजली कटौती को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। भारी संख्या में लोग इक्ट्ठा हुए थे और नारेबाजी की जा रही थी। तभी वो भीड़ कुछ उग्र हो गई जिस वजह से स्थिति को कंट्रोल में करने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया।
दरअसल, कटिहार के बारसोई थाना के बारसोई प्रखंड में अनियमित बिजली व्यवस्था के चलते बिजली विभाग परिसर के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण और प्रतिनिधि शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान प्रदर्शन कर रहे लोग अचानक से आक्रोशित हो गए। उन लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। आक्रोशित भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने हवाई फायर किया, लेकिन भीड़ काबू नहीं आ सकी।
इस मामले को लेकर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय कुमार ने बताया प्रदर्शनकारियों ने जेई को बंधक बना लिया था। जेई को बचाने के लिए पुलिस ने फायरिंग की। मौत की वजह गोली है या फिर पथराव? यह जांच का विषय है। वहीं, इस घटना की सूचना मिलते ही कटिहार पहुंचे प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस घटना को सरकार की हिटलर शाही बताया। सरकार को तानाशाह बताते हुए घटना की निंदा की और सरकार से इस्तीफे की मांग की।
बलरामपुर के विधायक महबूब आलम ने कहा कि पुलिस को संयम से काम लेना था। उन्होंने मृतक के परिवार को 20 लाख मुआवजा दिए जाने की मांग की। वहीं, मृतक की पहचान 35 वर्षीय मोहम्मद खुर्शीद के रूप में हुई है। खुर्शीद छछना गांव के रहने वाले थे।